फरवरी २०१० में हस्तिनापुर में नवनिर्मित तीर्थंकरत्रय एवंतीन लोक की प्रतिमाओं के पञ्चकल्याणक महोत्सव के अवसर पर लिखी गयी इस पुस्तक में संक्षिप्त रूप में तीनों लोकों की व्यवस्था एवं उसके चैत्यालयों का सुन्दर वर्णन है |
प्रथम भाग की तरह दूसरे भाग में भी २४ लेख हैं , जिनमें भिन्न -भिन्न विषयों का सुगम भाषा में प्रश्नोत्तर के माध्यम से विवेचन किया गया है तथा कुछ में कथाएं भी दी गयी हैं | लेख आबाल – गोपाल , स्त्री – पुरुष सभी के पढ़ने योग्य है |