दिल्ली लाल मंदिर में भगवान महावीर स्वामी के २५००वें निर्वाण उत्सव पर वीर नि. सं. २५०० , सन् १९७४ में यह पुस्तक लिखी | चौबीस तीर्थंकरों का अलग -अलग संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत पुस्तक में दिया गया है | प्रत्येक तीर्थंकरों की पूर्व पर्याय से आगमन पाँच कल्याणकों के स्थान , तिथियां आदि दी गईं हैं | तीर्थंकरों के जीवन की लगभग सभी प्रमुख घटनाएं प्रत्येक परिचय में एक ही पुस्तक के अंदर माताजी ने संग्रहीत कर दी है |
तीन लोक विषयक अनेक ग्रंथों में जम्बूद्वीप का विस्तृत विवेचन पढ़ने को मिलता है | उन ग्रंथों को पढ़कर , अच्छी तरह से मनन चिंतन , अध्ययन करके माताजी ने यह जम्बूद्वीप नाम की छोटी सी पुस्तक तैयार की है | ” गागर में सागर ” के समान जम्बूद्वीप विषयक पर्याप्त जानकारी इस पुस्तक से प्राप्त हो जाएगी | यथास्थान तत्संबंधित कुछ चित्र भी दिए गए हैं |