लयन कर्म!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लयन कर्म – कर्म का एक भेद लयन अर्थात पर्वत, उसमे निर्मित प्रतिमाओ का नाम लयन कर्म है। Layana Karma-Scripture to carve out lord idol in the mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लयन कर्म – कर्म का एक भेद लयन अर्थात पर्वत, उसमे निर्मित प्रतिमाओ का नाम लयन कर्म है। Layana Karma-Scripture to carve out lord idol in the mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लय – लीनता, तन्यमयता जो मुनि कल्पना के जाल को दूर करने अपने चैतन्य आनंन्दमय स्वरूप में लय को प्राप्त होता है वही निष्चयरत्नत्रय का स्थान होता है। Laya-Absolute engrossment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध्यक्षर – अक्षर के तीन भेदो मे एक भेद, सूक्ष्म निगोेद लब्ध्यापर्याप्तक से लेकर श्रुत केवली तक जीवो के जितने क्षयोपषम होते है उन सबकी लब्ध्यक्षर संख्या है। Labdhyaksara- Destructional cum subsidential state of karmas of all beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध्यप्र्याप्तक – अपर्याप्तक नाम कर्म के उदय से जो जीव अपने योग्य पर्याप्तियों को पूर्ण किए बिना ही ष्वास के 18 वें भाग में मरण को प्राप्त हो जाता है अर्थात जिसके एक भी पर्याप्ति पूर्ण नही होती उसे लब्ध्यप्र्याप्तक कहते हैैं। Labdhyaparyaptaka-Absolutely, non development beings (Having very short life)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध्यक्षर ज्ञान – पर्याय ज्ञान या सबसे जघन्य श्रुतज्ञान।इसे निरावरण ज्ञान भी कहते है यह सूक्ष्म निगोदिया लब्ध्यप्र्याप्तक जीव के उत्पन्न होने के पहले समय में होता है। Labdhyaksara Jnana-The lowest level of knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिस्थान – देष व सकल संयम प्राप्ति योग्य संयम स्थान। Labdhisthana-Attainment- station, states of super attainment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसार टीका – आचार्य नंेतिचन्द्र कृत संस्कृत संजीवनी टीका तथा पं टोडरमल कृत भाशा टीेका। Labdhisara Tika-name of a commentary book written by Acharya Nemichandra and by pandit Todarmal
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसार – आचर्य नेमेचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती द्वारा रचित मोहनीय कर्म के उपषम विशयक 391 गाथा प्रमाण प्राकृत गाथाबद्ध ग्रंथ। Labdhisara-Name of a great jaina scripture written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakrvarti
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसंवेग संम्पन्नता – तीर्थकर कर्मबंध का छठा कारण रत्नत्रय जनित हर्श का नाम लब्धिसंवेग है। Labdhisamvega Sampannata-A kind of super enjoyment pertaining to Tirthankar (Jaina-Lord)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसम्पन्न ऋशि – सम्यग्दर्षन प्राप्ति का एक निमित लब्धिसम्पन्न ऋशियो का दर्षन। Labdhisampanna Rsi-Super saints, visiting of whom is a cause of right faith