योगपरिकर्म!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिकर्म – मन वचन काय द्वारा आत्म प्रदेषो की चंचलता। Yoga parikarma-Vibration in soul points
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिकर्म – मन वचन काय द्वारा आत्म प्रदेषो की चंचलता। Yoga parikarma-Vibration in soul points
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसवाणिज्य – मक्खन, लोनी आदि का व्यापार Rasavanijya-Business of dairy product
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसमान – मान के दो भेदो मे एक भेद, घी आदि तरल पदार्थो को मापने की छटकी आदि प्राचीन इकाई। Rasamana-Old measurement unit of liquids
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिर्वाणसाधनाक्रिया – गर्भान्वय की एक क्रिया, अन्तिम अवस्था प्राप्त हो जाने पर साधु द्वारा षरीर आहारदि से ममत्व छोडकर पंचपरमंेही का ध्यान करना। Yoganirvana Sadhana Kriya-Aversion from the life for getting salvation, an auspicious activity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस परित्याग – बाहय तप के 6 भेदों में एक, दूध, दही, धी, तेल, गुड, षक्कर, नमक इन 6 रसो में से सभी रस या एक या दो रस का त्याग करना। Rasa Parityga- Giving up of Patricular 6 kinds of taste
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिर्वाणसंप्राप्तिक्रिया – गर्भान्वय की एक क्रिया इसमे साधक सल्लेखना में स्थिर होकर राग आदि दोशो को छोडते हुए षरीर कृष करता हुआ मोक्ष का ही चितन करता है। Yoganirvanasampraptikriya-Aversion from all attachments for getting salvation (reg. holy death of a saint, an auspicious activity)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस निरपक्ष आहार – नीरस आहार, रसयुक्त अर्थात स्वादिश्ट भोजन आदि की अभिलाशा न करना। Rasa Nirapeksa (Ahara)-Devoid of the desire of tasty food
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिरोध – अर्हन्त भगवान का ध्यान जिसमे समस्त योगो का विनाष किया जाता है। Yoganirodha-Cessation of activities of mind, speech & body deep engrossment of lord arihant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसना ज्ञान – जिव्हा इन्द्रियों से होने वाला ज्ञान। Rasana Jnana- Sense of taste, knowledge perceived by tongue
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसना इन्द्रिय – 5 इन्द्रियों में दूसरी इन्द्री जिव्हा। जिसके द्वारा स्वाद का ज्ञान होता है। Rasana Imdriya-Tongue, sensory organ of taste