युक्ति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्ति – पदार्थो को सिद्ध करने के लिए प्रयुक्त हेतू अथवा साधन। Yukti-Device, Stratagem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्ति – पदार्थो को सिद्ध करने के लिए प्रयुक्त हेतू अथवा साधन। Yukti-Device, Stratagem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रय – सम्यग्दर्षन, सम्यग्ज्ञान, सम्यग्चरित्र इन तीनो गुणो को रत्नत्रय कहते है। इनकी एकता मोक्षमार्ग है। Ratnatraya-Three spiritual jewels Right faith right knowledge right conduct
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्तासंख्यात – असंख्यात के तीन भेदो में एक भेद, इसके उत्तम, मध्यम जघन्य तीन भेद है। Yuktasamkhyata-A unit of uncountable numbers
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्तानंत – अनन्त के तीन भेदो में एक भेद, इसके उत्तम, मध्यम जघन्य तीन भेद है। Yuktanamta-A type of infinite counting
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्ताचारी हिंसा – रागादि कशायभावरूप हिेंसा। Yuktacari Himsa-Violenceful thoughts (a fault)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नचतुश्टय – बलभद्र के चार रत्न, रत्नमाला, गदा हल और मूसल Ratnacatustaya-Four jewels of Balbhadra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नगर्भा – भगवान के गर्भ में आने के 6 महीने से पहले से 15 महीने तक जहा रत्नवृृश्टि होती है उस भूमि को रत्न गर्भा कहते है। Ratnagarbha-The land where divinely rain of gems occurred (related to the birth place of lord)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नकीर्ति – क्षेमकीर्ति ं(इ्र, 998) के षिश्य एवं आराघनासार की संस्कृत टीका भद्रबाहु चरित्र आदि के कत्र्ता Ratnakirti-Name of the disciple of Kshemkirti
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नकरंडश्रावकचार – आचार्य समन्तभद्र ं(इ्र, ष, 2) कृत एक संस्कृत ग्रंथ Ratnakaramdasravakacara-Name of a treatise written by Acharya Samantbhadra