मृगशिरा!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगशिरा–Mragshira. Name of a lunar. एक नक्षत्र; इसका अधिपति देवता सोम एवं आकार हिरण के सिर सामान है” भगवान्संभवनाथ का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगशिरा–Mragshira. Name of a lunar. एक नक्षत्र; इसका अधिपति देवता सोम एवं आकार हिरण के सिर सामान है” भगवान्संभवनाथ का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगचारित– Mragcharit. Unrestrained saints (who make decisions by themselves). जो साधु अकेले ही स्वच्छंद रीती से विहार आदि करते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृग–Mrag. A deer, a significant symbol of Lord Shantinath. हिरण; सोलहवे तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान् का चिन्ह”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्रक्षित दोष–Mrakshit Dosh. An obstacle related to the food of saints (offering foods with oily hands or spoon etc.). आहार का एक दोष; घी–तेल आदि चिकने पदार्थसे लिप्त हाथ या चम्मच आदि के द्वारा साधु को आहार देना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूसल–Muusal. A measurement unit of area, A club. क्षेत्र का एक प्रमाण विशेष” अपरनाम धनुष, नाली, दंड, धान कूटने का मोटा डंडा, एक अस्त्र”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलोत्तरप्रकृति–Mulottar Prakrati. Basic sub–karmic nature which are 148 in number. कर्मो की ज्ञानवरणादि 8मूलप्रकृति एवं इनके उत्तरभेद 148 मूलोत्तर प्रकृति कहलाती है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाराधनादर्पण–Mularadhanadarpan. Name of a commentary book written by Pandit Ashadharji on ‘Bhagvati Aradhna’ भगवती आराधना नामक ग्रंथ पर पं. आशाधरजी द्वारा रचित एक टीका”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाराधना–Mulaaradhana. The other name of the treatise ‘Bhagvati Aradhana’. भगवती आराधना ग्रंथ का अपरनाम”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाचार प्रदीप–Mulachar Pradeep. Name of a book written by Acharya Sakalkirti. आचार्यसकलकीर्ति (ई. 1424) कृत मुनियों के चारित्र सम्भंदी एक ग्रंथ”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलस्थान प्रायश्चित–Mulasthan Prayshchit. A repentance of a saint caused due to indiscipline activities. अपरिमित दोष या स्वछंद होकर कुमार्ग में प्रवृत्ति करने वाले साधु को दिए जाने वाला प्रायश्चित”