वृषध्वज!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृषध्वज–Vrsadhvaja. One of the 1008 titles of Lord Jinendra जिनेन्द्र भगवन के १००८ नामों में एक नाम , धर्मध्वज को फहराने वाले “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृषध्वज–Vrsadhvaja. One of the 1008 titles of Lord Jinendra जिनेन्द्र भगवन के १००८ नामों में एक नाम , धर्मध्वज को फहराने वाले “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्रद्धि ह्रास – Vrddhi – Hraasa Universal changes pertaining to the growth & destruction. भरत और ऐरावत क्षोत्तों में षटगुण हानि वृद्धि– हास रूप परिवर्तन जिसे उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी काल के नाम से जाना जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृद्धि – हानि – Vrddhi – Haani Increasing & decreasing (pertaining to clairvoyance and 6 particular virtues etc.) षटगुण हानि वृद्धि; अविभाग प्रतिच्छेदों मे वृद्धी हानि का नाम ही षटगुण हानि व्रद्धि हैं, क्षयोपशम अवधिज्ञान के भेद, वर्धमान और हियमान” जो विशुद्ध परिणामों से बढता है वह वर्धमान एवं जो संक्लेश परीणामो…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृद्धि – Vrddhi. Growth, Increase, Development विकास, बढ़ोत्तरी, पूर्व स्वभाव को कायम रखते हुए भावान्तररूप से अधिकता हो जाना व्रद्धि है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तयंश –Vrttyainsa Momentariness of any matter. पर्याय; पर्यायों का क्षणिकत्व होना या द्रव्य में जो अंश कल्पना की जाती हैं वह पर्याय हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैलघन श्रोता – Shailaghana Shrotaa. A type of unwise or imprudent listener. 14 प्रकार के श्रोताओं में एक भेद; जिनके परिणाम हमेशा कठोर रहते हैं तथा जिनके ह्रदय में समझाये जाने पर भी जिनवाणी रो जल का प्रवेश नहीं होता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैल कर्म – Shaila Karmaa. Pertainung to sculpure. शैल का अर्थ पत्थर है, उससे निर्मित प्रतिमाओं का नाम शैलकर्म है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिसूत्र –Vrttisutra. Briefing of some principle etc. जिसमे संक्षिप्त शब्दों में या सूत्र के समस्त अर्थ को संग्रहीत कर लिया जाता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिलाभ क्रिया –VrttilabhaKriya An act of consecration, to observe the vows taken before the spiritual teacher. दीक्षान्वय की ४८ क्रियाओ में एक क्रिया, गुरु के द्वारा प्रदत्त व्रता को धारण करना “