वृत्तिपरिसंख्यान!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिपरिसंख्यान –Vrtti. Conduct, Behaviour, Natural tendency. बाह्य तप का एक भेद – आहार को जाते समय अनेक प्रकार की प्रतिज्ञा या आकड़ी लेना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिपरिसंख्यान –Vrtti. Conduct, Behaviour, Natural tendency. बाह्य तप का एक भेद – आहार को जाते समय अनेक प्रकार की प्रतिज्ञा या आकड़ी लेना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्त विष्कंभ –VrttaViskambha Diameter, width of a ring. वृत्त का व्यास “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्त –Vrtta. Circle, A type of religious conduct. वर्तुलाकार, गोल, पापारम्भ के कार्यो से विरक्त होने में सहायक कर्म ” ये देव – पूजा आदि ६ होते हैं इनका आचरण करना वृत्त कहलाता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृक्षमूलावास –Vrksamulavasa. A type of austerity, staying in the root – hollow of trees. कायक्लेश तप का एक भेद, वृक्षमूल में निवास करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृक्षमूल –Vrksamula. Root of trees, A type of meditation to be observed under the tree. वृक्ष की जड़, एक प्रकार का योग, वर्षाकाल में वृक्ष के नीचे ध्यान लगाना, वृक्षमूल योग कहलाता हैं
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृक्ष –Vrksa Trees (myth, wish fulfilling trees, specific super trees). कल्पवृक्ष; भोग भूमि में मुनष्य की आवश्यकताओं को चिंता मात्र से पूरी करते हैं ” चैत्यवृक्ष; प्रेतिमाओ के आश्रयभूत, जो पृथिवीकायिक होते हैं, वनस्पतिकायिक नहीं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैल – Shaila. A rock, a crag (mountain), Another name of Sumeru mountain. चट्टान, घातिया कर्मो की चतुस्थानीयअनुभाग शक्ति का उदाहरण, सुमेरु पर्वत का अपरनाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृंदावना –Vrindavana Name of the poet, the writer of ‘Vrindavan Vilas’ etc. many books. तीस चौबीसी पूजन, वृन्दावन, विलास, प्रवचनसार टिका अर्ह्त्पसकेवली आदि ग्रंथो के रचीयता एक कवि ” समय – ई. १८०३ – १८४८ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्याचार –Viryacara. One of the 5 conducts – conduct with spiritual strength. ५ आधारों में एक आचार, अपनी शक्ति को न छिपाकर उत्साहपूर्वक आत्मबल के साथ चरित्र पालना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्याचरण –Viryacarana Conduct according to the capability. सामथ्र्य के अनुसार आचार का पालन करना “