शैक्ष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैक्ष – Shaisha. New disciple-saint under the process of learning. नवीन दीक्षित मुनि जो श्रुत का अभ्यास करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैक्ष – Shaisha. New disciple-saint under the process of learning. नवीन दीक्षित मुनि जो श्रुत का अभ्यास करते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्यान्तराय कर्म –Viryamtaraya Karma. An obstructive Karma obscuring the vitality of beings of soul. जिस कर्म के उदय से आत्म वीर्य की रुकावट हो या जीव किसी कार्य के प्रति उत्साहित होने की इच्छा होते हुए भी उत्साहित नहीं हो पाता एवं असमर्थता का अनुभव करता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य लब्धि – ViryaLabdhi A type of attainment pertaining to the vitality of beings. ५ लाब्धियों में एक लब्धि ” शक्ति की प्राप्ति जो वीर्यन्तराय कर्म के क्षयॉपशन से होती हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य प्रवाद –ViryaPravada A part of Shrutgyan (scriptural knowledge) containing the description of the power of soul. दृष्टिवाद – १२वे अंग का तीसरा पूर्व, जिसमे आत्मा – अनात्मा की शक्ति का कथन हैं ” इसके ७० लाख माध्यम पद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शेषवती – Sheshavatee. Name of female divinity of Ruchak mountain. रुचक पर्वत निवासिनी दिक्कुमारी देवी “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य चर्या –ViryaCarya. See – ViraCarya देखे – वीर्य चर्या
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य –Virya Vitality, Potency, Spiritual power, शक्ति, गुण, आत्मा का बल जिसको विर्यातराय कर्म ढकता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरासन –Virasana. A posture of meditation. ध्यान या कायोत्सर्ग के योग्य एक आसन ” दक्षिण पैर रखना ” अपरनामपश्चाशन “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरागंज मुनि –Virangaja Muni Name of the last Jaina saint of PanchamKal (the 5th time – cycle of universe). पंचम काल के अंत में होने वाले अंतिम दिगम्वर जैन साधू ” जो पंचम काल के अंत में राजा द्वारा आहार का प्रथम ग्रास शुल्क के रूप में मांगे जाने पर अंतराय मानकर…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरसेना –Virasena. Mother’s name of the 7thJaina – Lord of Susima city of Videh (region). विदेहक्षेत्रस्थ सुसीमा नगरी के ७ वें तीर्थकर ऋषभानन की माता “