वीतराग सुख –!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सुख –VitaragaSukha. Supreme bliss. अनंत सुख ” शुधात्मा के दर्शन से प्राप्त जिनेश्वरों का सुख “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सुख –VitaragaSukha. Supreme bliss. अनंत सुख ” शुधात्मा के दर्शन से प्राप्त जिनेश्वरों का सुख “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सम्यग्दृष्टि –VitaragaSamyagdrsti. One having right spiritual knowledge. निश्चय सम्यग्दृष्टि, जो वीतराग सम्यग्दर्शन से सहित होते है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सम्यग्दर्शन –VitaragaSamyagdarsana. Right faith without any attachment. निश्चय सम्यग्दर्शन, वीतराग चारित्र के साथ अविनाभावी, जिस सम्यकत्व भाव में आत्मा की विशुध्दी, तन्मयता हो ” यह सातवें से दसवें गुणस्थान तक होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग श्रमण –VitaragaSrmana. One free from all passionate delusions, a saint. शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के राग से मुक्त साधु वीतराग श्रमण है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग वचन –VitaragaVachana. Super speech of Lord Arihant, Contents of scrip-tures. आगम; आप्त के वचन, जिन्होंने जन्म जरा आदि १८ दोषों को नष्ट कर दिया है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग धर्मध्यान –VitaragaDharmadhyana. Supreme stage of religious meditation (Dharmadyan) to the knowledge of supreme soul. धर्मध्यान की उत्क्रष्ट स्थिति – सातवें से दसवें गुणस्थान में होने वाली ध्यान अवस्था “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतृरागता –Vitaragata. State of passionlessness, Freeness from worldly attachment.” सच्चे आप्त (भगवान) के तीन मुख्य गुणों सर्वज्ञंता, वीतरागता तथा हितोपदेशिता में से एक गुण ” जिसमें राग, द्वेष एवं मोह का अभाव होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग छध्न्स्थ –VitaragaChadmastha. Souls at the 11th – 12th stage of spiritual devel-opment. ११ वें व १२ वें गुणस्थान वाले वीतराग छध्न्स्थ हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतरागचारित्र –Vitaragacharitra. Deep engrossment in meditation by great Jainasainits. रागादि विकल्पों से रहित होकर आत्मा में रमणता या लीनता ” शुक्ल्ध्यान, शुध्दोपयोग, उपेक्षा संयम, निश्चय चारित्र, वीतरागचारित्र ये एकार्थवाची हैं ” ये सम्यग्दृष्टि जीवों के होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग कथा –Vitaraga Katha. Impartial wise discussion, a witty dialogue or discussion between learned persons. गुरु और शिष्य के बीच या रागद्वेष से विमुख विद्वानों के बीच तत्त्व निर्णय के लिए जो चर्चा चलती है उसे वीतराग कथा कहते हैं “