वाक्यप्रतिक्रमण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक्यप्रतिक्रमण – Vaakyapratikramana.: A kind of repentance (pronouncing for the committed faults). किए हुए अतिचारों एवं सूत्रों का उच्चारण करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक्यप्रतिक्रमण – Vaakyapratikramana.: A kind of repentance (pronouncing for the committed faults). किए हुए अतिचारों एवं सूत्रों का उच्चारण करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभंग ज्ञान – Vibhamga Jnana. Faise clairvoyance. मिथ्या अवधिज्ञान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विप्लुत – Vipluta. Images of moon etc. in water. जिसका तरंगादि में अनेक प्रकार से डूबना या तैरना हो रहा है, ऐसे, जल में पड़े हुए चंन्द्र प्रतिबिम्ब आदि विप्लुत है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक्य – Vaakya.: Sentence (group of meaningful words). पदों का समूह “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विप्राणस मरण – Vipranasa Marana. A kind of holy death (with abandoning meals in the obstructing period of religious observances). १७ प्रकार के मरण के भेदों में एक भेद; यह मरण उसके होता है जो अपने व्रत क्रिया चारित्र में उपसर्ग आने पर ष भी नहीं सकता और भ्रष्ट होने के भय…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक्शुद्धि –Vaakshuddhi.: Renunciation of cruel speech or language controlling. कठोर कर्कश वचनों का त्याग कर सावधानी पूर्वक बोलना ” देखें –वचन शुद्धि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विप्रतिपत्ति – Vipratipatti. Mutual controversial principles. एक वस्तु में परस्पर विरोधी दो वादों का नाम विप्रतिपत्ति है अथवा विपरीत निश्चय का नाम विप्रतिपत्ति है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक् छल – Vaakchala.: A kind of deception (wrong opposition of speaker). छल के तीन भेदों में एक भेद; वक्ता के विवक्षित अर्थ की जान-बुझकर उपेक्षा कर अर्थातर की कल्पना करके वक्ता के वचन का निषेध करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपुलाचल – Vipulachala. Name of the first hill among five hills of Rajgrih Nagar. राजगृह नगर (नालंदा, बिहार ) की पंच पहाड़ियों में प्रथम पहाड़ी ” इंद्र ने भगवान महावीर के (केवलज्ञान होने के ६६ दिन पश्चात् ) प्रथम धर्मोपदेश के लिये यहां समवशरण रचा था “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपुलमति – Vipulamati. A type of telepathic knowledge (Manah Paryay Gyan). मन: पर्यय ज्ञान के दो भेदों में दूसरा भेद; जो ज्ञान दूसरे के मन में स्थित सरल और कुटिल सब बातों को जान लेता है ” अर्थात् चिन्तित, और अर्ध – चिन्तित को भी जान लेता है “