विपरीताभिनिवेश!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीताभिनिवेश – Viparitabhinivesha. Wrong faith due to wrong conception. मिथ्यात्व के उदय से उत्पन्न विपरीत ज्ञान या श्रध्दान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीताभिनिवेश – Viparitabhinivesha. Wrong faith due to wrong conception. मिथ्यात्व के उदय से उत्पन्न विपरीत ज्ञान या श्रध्दान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीत श्रध्दानी – Viparita Sraddhani. One who believes in wrong theory or wrong or wrong re-ligious conceptions. विपरीत मिथ्याद्रष्ट “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीत मिथ्यात्व – Viparita. Mithyatva. Belief in wrong theory or wrong religious con-ception. मिथ्यात्व के ५ भेदों में भेद; विपरीत धर्म को यथार्थ मानना ” जैसे – पशु यज्ञ से स्वर्ण मिलेगा, परिग्रह सहित भी निग्रर्थ होता है इत्यादि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीत मत – Viparita. Name of a doctrine established by king Vasu in the period of Lord Munisuvratnath. भगवान मुनिसुर्वत नाथ के समय में क्षीरकदम्ब उपाध्याय के शिष्य राजा वसु के द्वारा चलाया गया मत “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरिणामना – Viparinamana. Change or modification in state. सत् के द्वारा अवस्थान्तर की प्राप्ति होना ” यह प्रक्रति विपरिणामना, स्थितिविपरिणामना, अनुभाग- विपरिणामना, प्रदेशविपरिणामना ४ प्रकार की होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरिणाम – Viparinama. Changed results. सत् के द्वारा अवस्थान्तर की प्राप्ति करना विपरिणाम है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनोदीलाल – Vinodilala. Name of a great Jaina poet, the writer of ‘ Bhaktamar katha’ etc. many books. एक जैन कवि, भक्तामर कथा (वि.१७४७), सम्यकत्व कौमुदी (वि. १७४९) ग्रंथ के कर्ता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनीता – Vinita. Another name of Ayodhya, the birth place of Lord Rishabhdev and of many great personali-ties. अयोध्या; तीर्थकर वृषभदेव, अजितनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ, अनंतनाथ, चक्रवर्ती भरत, ८ वें बलभद्र राम नारायण लक्ष्मण की जन्मभूमि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनीत – Vinita. Name of the 44th chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थकर वृषभदेव के ४४ वें गणधर “