सुवज्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवज्र – Suvajra. Name of a Vidyadhar kind. एक विद्याधर, राजा वज्र का पुत्र और वज्रभृत का पिता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवज्र – Suvajra. Name of a Vidyadhar kind. एक विद्याधर, राजा वज्र का पुत्र और वज्रभृत का पिता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवक्त्र – Suvaktra. One with beautiful face, Name of a vidyadhar king. सुन्दर मुखवाला, एक विद्याधर यह विनमि का वंषज था । विद्युन्मुख का पुत्र और विद्युददंष्ट्र का पिता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरेश्वर – Sureshvara. The disciple of Shankaracarya, the writer of ‘Naishkarmya Sidhi’and other treatises. शंकराचार्य के शिष्य (समय-ई0 820), इन्होने नैष्कर्म्य सिद्धि, वृहदारण्यक उपनिषद भाष्य ग्रंथ लिखे है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकानुवृत्ति –Lokaanuvrtti.: A kind of modesty. सामान्य विनय का एक भेद ;किसी पुरुष के अनुकूल बोलना तथा देश व काल योग्य अपना द्रव्य देना लोकानुवृत्ति विनय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकानुप्रेक्षा –Lokaanupreksha.: See –Loka Anupreksha. देखें –लोक अनुप्रेक्षा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकादित्य –Lokaditya : Name of a king contemporary to Akaalvarsh. उत्तरपुराण की प्रशस्ति अनुसार अकालवर्ष के समकालीन एक राजा, आचार्य लोकसेन ने इनके समय में ही उत्तरपुराण को पूर्ण किया “समय –ई .898 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकाग्र –Lokaagra: The supreme place of salvation (Siddha shila) . मोक्ष ,सिद्धालय या लोक का शिखर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकांतिक –Lokaantik See – Lokaantika Dev. देखें – लोकान्तिक देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकसेन –Lokasena.: Name of the disciple of Achrya Gunbhadra. पंचस्तूप संघ की गुर्वावली के अनुसार आचार्य गुणभद्र के प्रमुख शिष्य ” आचार्य गुणभद्र रचित अधूरे उत्तरपूराण को पूर्ण किया ” समय –ई. 897-930 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरेन्द्रकीति – Surendrakaanta. Name of the 21st city in the north of Vijayardha mountain. नंदिसंघ बलात्कारगण चित्तौड गद्दी के एक भट्टारक नरेन्द्रकीर्ति के षिष्य । समय – वि0 सं0 1722 ।