स्वेच्छारी!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वेच्छारी – Svecchaacaarii. One free from any restraints, willful, wayward. अपनी इच्छा से आचरण करने वाला।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वेच्छारी – Svecchaacaarii. One free from any restraints, willful, wayward. अपनी इच्छा से आचरण करने वाला।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाहा – Svaahaa. An exclamation used in the worshipping of God. पूजा, मंत्र, हवन आदि मे प्रयुक्त होने वाला शांतिवाचक एक विषेष शब्द।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वास्थ्य – Svaasthya. A sound state of body, health. आरोग्य, मानसिक शांित। सांम्य, समाधि, योग, चित्तनिरोध, शुद्वोपयोग, स्वास्थ्य ये सब एकार्थवाची है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वास्तिक – Svaastika. An auspicious emblem, name of a summit of Ruchak mountain. एक मंगल चिन्ह (स्वास्तिक), रुचक पर्वतस्थ एक कूट, एक मंगल चिन्ह।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वार्थी – Svaarthii. One engrossed in self, selfish one, one of the 88 planets. आध्यात्मिक व्याख्या के अनुसार आत्महित मे संलग्न रहने वाले को स्वार्थी कहते है। क्षुद्र मनुष्य जो अपना कार्य करने मे ही तत्पर रहते है उन्हें स्वार्थी कहा गया है, जैसे मेद्य परोपकारी है और बड़वानल स्वार्थी है। 88 ग्रहो…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थनुमान – Svaarthaanumaana. Subjective inference (caused by perception of some means). अनुमान के दो भेदो मे एक भेद। परोपदेष के अभाव मे भी केवल साधन से साध्य को जानकर जो ज्ञान देखने वाले को उत्पन्न हो जाता है उसे स्वार्थनुमान कहते है। जैसे धुएॅ को देखकर अग्नि का अनुमान लगा लेना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थाधिगम – Svaarthaadhigama. Self knowledgeable approach. अधिगम के दो भेदो मे एक भेद, यह ज्ञान स्वरुप है जो प्रमाण और नय भेदो वाला है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थ प्रमाण – Svaartha Pramaana. Authority (Praman) of self knowledge. प्रमाण के दो भेदो मे एक भेद, ज्ञानात्मक प्रमाण को स्वार्थ प्रमाण कहते हैै। श्रुतज्ञान को छोड़कर शेष 4 ंस्वार्थ प्रमाण है परन्तु श्रुतज्ञान स्वार्थ और परार्थ दोनो प्रकार का हैं। वचनात्मक प्रमाण परार्थ प्रमाण कहलाता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थ – Svaartha. Spiritual upliftment of own soul. प्रोपकार की अपेक्षा न करके स्व-अर्थ अर्थात् आत्मकल्याण करना।