स्वानुंभव!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुंभव – Svaanubhava. Spiritual realization or intuition. आत्मानुभव। आत्मसुख का वेदन ही स्वानुभव है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुंभव – Svaanubhava. Spiritual realization or intuition. आत्मानुभव। आत्मसुख का वेदन ही स्वानुभव है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाधीन सुख – Svaadhiina Sukha. Supreme bliss. स्ंसार के समस्त विषय-कषायोे की रहितता से प्राप्त सुख। यह सुख सिद्वो मे पूर्णतः प्रगट होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाधीन – Svaadhiina. Self dependent. स्वतंत्र, आत्माधीनं। सिद्वो का सुख संसार के विषयो से अतीत स्वाधीन अव्यय होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाद्य – Svadya. Worth tasting, appetizing. आहार के 4 भेदो मे एक भेद। मुख का स्वाद बदलने के लिए खाने वाले लौग, इलायची आदि पदार्थ स्वाद्य कहलाते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वात्म रक्षा – Svaatma Raksaa. Self defence, the principle of non-violence. शुद्व भाव या आत्म रक्षा। आगम मे स्व और अन्य प्राणियो की अहिंसा का सिद्वान्त स्वात्म रक्षा के लिये ही है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहित – Svahita. One own benefit, benefiting self. हित के दो भेदो मे प्रथम भेद- आत्महित।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहिंसा – Svahimsaa. Passionate feelings as volitional violence. भावहिंसा-प्रमाद से युक्त आत्मा पहिले स्वंय अपने द्वारा ही अपना द्यात करता है अर्थात् रागादि प्रमाण भाव ही स्वहिंसा है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहस्त क्रिया – Svahasta Kriyaa. Doing some work by oneself. साम्परायिक आस्रव सम्बन्धी 25 किं्रयाओ मे एक किं्रया, दूसरे के द्वारा करने योग्य कार्य को स्वयं संपादित करना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान-स्वस्थान-अवस्थान – Svasthaana-Svasthaana-Avasthaana. Activity done by one in own birth place. अपने उत्पन्न होने के ग्राम, नगर अथवा अरण्य मे सोना, बैठ़ना, चलना आदि व्यापार से युक्त रहने का नाम स्वस्थान-स्वस्थान-अवस्थान है।