प्रमत्त संयत!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमत्त संयत- छठे गुणस्थानवर्ती मुति; जो पुरुश सकल मूल-गुणों से और शील अर्थात उत्तर गुणें से सहित हैं, अतएव महाव्रती होते हैं तथा व्यक्त औश्र अव्यक्त प्रमाद से सहित होने के कारण प्रमŸा संयत कहलाते हैं। Pramattasamyata- One restrained with some carelessness in the sixth stage of spiritual development