स्वप्न!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न – Svapna. Dream, one of the 8 parts of causative knowledge (Nimittagyan).कल्याणवाद पूर्व मे वर्णित निमित्तज्ञान के 8 अंगो मे प्रथम अंग। स्वप्न दो प्रकार के माने गये है स्वस्थ स्वप्न और अस्वस्थ स्वप्न।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न – Svapna. Dream, one of the 8 parts of causative knowledge (Nimittagyan).कल्याणवाद पूर्व मे वर्णित निमित्तज्ञान के 8 अंगो मे प्रथम अंग। स्वप्न दो प्रकार के माने गये है स्वस्थ स्वप्न और अस्वस्थ स्वप्न।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपाक – Svaaka. Name of a super power possessed by Nami & Vinami Vidyadhars. धरणेन्द्र की दिति देवी के द्वारा नमि और विनमि विद्याधरो को दिया गया एक विद्या निकाय।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर्याय – Svaparyaaya. The absolute pure form of soul.शुद्व पर्याय। केवलज्ञान के द्वारा निष्पन्न जो अनंत अन्तर्तेंज है वही निज पर्याय है और क्षयोपषम के द्वारा व ज्ञेयो के द्वारा चित्र-विचित्र परर्याय है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर विवेक – Svapara Viveka. Right & real knowledge (discriminating self & others).सम्यग्दर्शन, जीव-अजीव की पहचान अर्थात् वस्तु स्वरुप का ज्ञान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर भेद विज्ञान – Svapara Bheda Vijnaaana. Pertaining to great spiritual knowledge (discriminating self & others).भेद ज्ञान। आत्मतत्त्व का ज्ञान तथा आत्मद्रव्य से विपरीत तत्वो का ज्ञान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर प्रकाशक – Svapara Prakaasaaka. Omniscience (causing enlightenment of self & others)ज्ञान। केवलज्ञान जो निश्चय नय से स्व को और व्यवहार नय से पर को जानता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर तत्त्व – Svapara Tattva. Right element pertaining to the path of salvation.भेदोभेदात्मक अर्थात् निश्चय व्यवहार मोक्षमार्ग। आत्मनिष्ठता स्वतत्व (या निष्चय मोक्षमार्ग) तथा पर्याय प्रधान व्यवहार नय से सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र व्यवहार मोक्षमार्ग अर्थात् परतत्त्व है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर चारित्र – Svapara Caaritra. Perfect and imperfect right conduct.निश्चय व्यवहार चारित्र। निज शुद्वात्मा के संवेदन मे अनुचरण करना अर्थात् समता भाव स्वचारित्र तथा शुद्वात्म रुप से रहित होकर रागभाव रुप परिणमन अर्थात् शुद्वोपयोग से विपरीत परद्रव्यो मे शुभ अषुभ रुप परचारित्र है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर चतुष्टय – Svapara Catustaya. Quartel of the properties of matter (in relation to Dravya, Kshetra, Kal, Bhav) related to self & others.द्रव्य का अपना द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव स्वचतुष्टय एवं इतर द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव परचतुष्टय कहलाता है। इसकी अपेक्षा ही वस्तु मे अस्तिनास्ति, भेदाभेदपना पाया जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर अवभासक – Svapara Avabhaasaka. Something (soul etc.) possessing the knowledge of self and other matters also.स्व और पर को जानने वाला स्व-पर अवभासक कहा जाता है। जैसे दीपक स्वयं को भी प्रकाषित करता है एवं अन्य को भी। अथवा दर्षन के द्वारा आत्म को ग्रहण होता है, तब स्वतः ज्ञान का तथा उसमे…