सर्वमत!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वमत – Sarvamata. Something universally accepted. जो सर्वरूप मान्य हो ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वमत – Sarvamata. Something universally accepted. जो सर्वरूप मान्य हो ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वभद्र – Sarvabhadra. A noble one. A type of peripatetic deities. सुशील यक्ष जाति के व्यंतरों के 12 भेदों में एक भेद ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वप्रिय – Sarvapriya. Dear to all, universally popular, Name of the 27th chief disciple of Lord Rishabhdev. ’सबको अच्छा लगने वाला , भगवान वृषभदेव के 27 वें गणधर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वपरित्याग – Sarvaparitayaaga. Renunciation of all (on the pathe of salvation). उपसर्ग मार्ग; शुद्धात्मा के सिवाय अन्य जो कुछ भी बाह्यअभ्यन्तर परिग्रह रूप है, उस सर्व का त्याग ही उत्सर्ग है। निष्चय नय, सर्वपरित्याग, परमोपेक्षा संयम, वीतरागचारित्र, शुद्धोपयोग ये सब एकार्थवाची है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वपदार्थ – Sarvapadaartha. All matters or substances. समस्त पदार्थ परोक्ष प्रमाणभूत श्रुतज्ञान के द्वारा सर्व पदार्थ जाने जाते है क्योकि लोकालोक का परिज्ञान व्याप्ति रूप से छद्मस्थों में भी पाया जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वधारा – Sarvadhaaraa. A mathematical sequence or series of numbers. 14 धाराओं में एक धारा । 1 से लगा कर केवल ज्ञान पर्यत के सर्वस्थान । जैसे 1,2,3,4 5 इत्यादि ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वधन – Sarvadhana. All wealth or property of one, Grand total of all results. किसी की संपूर्ण सम्पत्ति, गणित विषयक रूप से सम्पूर्ण समयों में पाये जाने वाले समस्त परिणामों के समूह को सर्वधन कहते है, इसी का दूसरा नाम पदधन भी है। यह ’मुहभूमीजोगदले । पदगुणिदे पदघणं होदि’ – इस करणसूत्र के अनुसार…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदोष त्याग – Sarvadosa Tyaaga. A great vow, complete renunciation of all 5 sins (violence, stealing etc.). महाव्रत। हिंसादि 5 पापों का पूर्णतः त्याग करना, इसका पालन मुनि करते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदेव – Sarvadeva. Name of the 28th Chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 28 वें गणधर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदर्शित्व शक्ति – Sarvadarshitva Sakti. One of the powers acquired by the soul, power of all-seeing. जीव की एक शक्ति । सकल विष्व के सामान्य भाव को देखने रूप से (अर्थात लोकालोक को सत्तामात्र ग्रहण करने रूप से ) परिणमित ऐसी आत्मदर्षनमयी सर्वदर्षित्व शक्ति है।