सम्मान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मान – Sammaana. Respect, reverence, honour. आदर, विनय। व्रतादि से यंुक्त साधु, आर्यिका एवं बड़े जनेा का यथायोग्य विनय-सम्मान करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मान – Sammaana. Respect, reverence, honour. आदर, विनय। व्रतादि से यंुक्त साधु, आर्यिका एवं बड़े जनेा का यथायोग्य विनय-सम्मान करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मद – Sammada. Name of the 2nd predestined Rudra. भावी दूसरा रुद्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मत सत्य – Sammata Satya. Something unanimously accepted or approved. बहुत जनों के द्वारा माना गया जो नाम वह सम्मत सत्य है। जैसे लोक मे राजा की स्त्री को रानी कहना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मत्तगुणविहाण कव्व – Sammattagunavihaana Kavvya. Name of a book written in Apabhransh language by Shubhkirti. शुभकीर्ति द्वारा (ई. 1442) रचित अप्रभंष भाषाबद्व काव्य।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मइजिण चरिउ – Sammaijina Chariu. Name of a treatise in Apabhransh language written by poet Raedhu on the conduct of lord mahavira. भगवान महावीर के चरित्र विषयक अपभ्रंष भाषाबद्व कवि रइधू कृत ग्रंथ। समय ई. 1400-1479।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुद्रविजय – Samudravijaya. Father’s name of the 22nd Tirthankar (Jaina Lord) Neminath. 22 वें तीर्थकर नेमिनाथ के पिता। शैरीपुर के राजा अन्धकवृष्णि और सुभद्रा के 10 पुत्रों मे प्रथम पुत्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीमुक्ति – Strimukti. Salvation of female jaina saints (which is not possible according to Digambar Jaina philosophy).स्त्री मुक्ति का आगम मे निषेध है। पुरुष, स्त्री एंव नपुंसक तीनो ही भाव लिंगो से मोक्ष सम्भव है लेकिन द्रव्य से केवल पुरुषवेद से ही मोक्ष होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीप्रवज्या – Stripravajyaa. Initiation of a woman for asceticism.स्त्री द्वारा संपूर्ण परिग्रह त्याग करके दीक्षा धारण करना( उपचार से महाव्रती होते हुए भी सावरण होने से स्त्रियो को मुक्ति नही होती है)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्री परिषह जय – Stri Parisaha Jaya. Victory over the woman-affliction causing sexual troubles.एकांत उद्यान या भवन आदि स्थानो मे यौवन से उन्मत्त स्त्रियो के द्वारा बाधा पहुुंचाये जाने पर भी कामविहार से विचलित नही होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुद्र – Samudra. Ocean, sea (one of the dreams of Lord’s & Bharat chakralvatis mother). सागर। तीर्थकरो की माता एवं भरत चक्रवर्ती की माता (यषस्वती) के स्वप्नों मे एक स्वप्न।