सन्निवेश!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्निवेश – Sannivesha. Assembling, sitting together, assembling place. एकत्व होना, एक साथ बैठना, देश के स्वामी के रहने के स्थान का नाम सन्निवेष है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्निवेश – Sannivesha. Assembling, sitting together, assembling place. एकत्व होना, एक साथ बैठना, देश के स्वामी के रहने के स्थान का नाम सन्निवेष है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्निपातिक भाव – Sannipaatika Bhaava. Assembling, collection, combining (reg. temperaments). मिलना, सम्मिश्रण, विविध संचय। एक ही गुणस्थान या जीवसमास मे जो बहुत से भाव आकर एकत्रित होते है, उन भावों की सन्निपातिक संज्ञा है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्निधिकरण – Sannidhikarana. Drawing near, visionary installation of lord in heart while worshipping. सम्मुख या निकट होना सन्निधिकरण है। पूजा करते समय उपसाय को अपने हृदय मे बिठाना सन्निधिकरण कहलाता है। पूजा के 5 अंगो मे तीसरा अंग है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्निकर्ष – Sannikarsha. Drawing near, close together, another name of Dvadshnag Shrutgyan (12 parts of scriptural knowledge). इन्द्रिय का विषय से संबंध, समीप लाना-सामीप्य, प्रवचन सन्निकर्ष, श्रुतज्ञान का अपरनाम। जिसमे वचन सन्निकृष्ट होते है, वह प्रवचन सन्निकर्ष रुप मे प्रसिद्व द्वादशांग श्रुतज्ञान है। जद्यन्य व उत्कृष्ट भेद रुप द्रव्य, क्षेत्र, काल एवं भावांे मे…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्नासन्न – Sannaasanna. A unit of area measurement. क्षेत्र का एक प्रमाण विषेष, 8 अवसन्नासन्न = 1 सन्नासन्न।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदोदरी Mamdodari. Name of the wife of Ravan. रावण की पटरानी, जिसने रावण की मृत्त्यु तथा पुत्रो आदि के वियोग से दुखी होकर दीक्षा ले ली “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सनातन – Sanaatana. A Sankhya thinker, immemorial or eternal. एक सांख्य विचारक, प्राचीन काल से चला आता हुआ क्रम।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदिर निर्माण कर्म – Mandira Nirmana Karma. A duty of householders to construct the temples. श्रावकों का एक कर्म ; मंदिर का निर्माण कर पंचकल्याणक आदि विधि से जिनेन्द्रप्रभु को विराजमान करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदिर: Temple, Name of a city in the north of Vijayardh mountain, Name of a chief disciple of Lord Vasupujya, Name of a summit situated at Ruchak mountain. जिनालय, विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर, वासु पूज्य भगवान के मुख्य गणधर का नाम, रुचक पर्वत पर स्थित एक कूट का नाम “