भाव मार्गणा!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव मार्गणा – Bhava Margana. Psychical investigation. जिन भावों के द्वारा जीवों का अन्वेषण किया जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव मार्गणा – Bhava Margana. Psychical investigation. जिन भावों के द्वारा जीवों का अन्वेषण किया जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – मान – कषाय विवेक – Bhav –Man-Kasay vivek. Psychical wisdom. मन के द्वारा अभिमान को छोड़ना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावमल – Bhavamala. Inauspicious results of one. अज्ञान, अदर्शन इत्यादिक जीव के परिणाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावमन – Bhavamana. Psychical mind. मन ” ज्ञानावरण व वीर्यान्तराय के क्षयोपशम से द्रव्य मन द्वारा जानने की शक्ति तथा उस रूप ज्ञान का उपयोग होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव मंगल – Bhava Mamgala. Pure and sacred one. वर्तमान में मंगलरूप पर्ययों से परिणत शुद्ध जीव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावभावक भाव – Bhavabhavaka Bhava. A relation between soul & result oriented Karmas. संबंध; आत्मा एवं फल देने की सामर्थ्य से युक्त कर्म एवं आत्मा, दोनों में भाव-भावक भाव है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावबंध – Bhavabamdha. Psychical bondage of Karmas. जिस चेतन परिणाम से कर्म बंधता है वह भाव –बंध है ” जैसे- क्रोधादि परिणाम भाव बंध कहलाते हैं अर्थात् आत्मा के शुध्द – अशुध्द परिणामों से जो कर्म का बंध होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रासुक आहार – Bhava Prasuka Ahara. A kind of thinking related to ownness of food. ऐसा आहार, ‘यह भोजन मेरे लिए है; ऐसा चिन्तन न किया जाये (जिसमें से एकेन्दीय जीव निकल गये हैं वह द्रव्य –प्रासु –आहार कहलाता है) “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्राधान्य – Bhava Pradhanya. Presidence of sentiments. आत्माभावों के प्रकरण में भाव लेश्या की प्रधानता होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्राण – Bhava Prana. Psychical vitalities. सम्यग्दर्शन, ज्ञान व चारित को भाव प्राण कहा है ” अथवा आत्मा की जिस शक्ति से इंद्रिय आदि अपने कार्य में प्रवर्तन करें “