पाप!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाप – Papa. Sinful activities, Moral guilt, Demerit. आत्मा को मलिन करने वाली अशुभ क्रिया; इसके ५ भेद है- हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाप – Papa. Sinful activities, Moral guilt, Demerit. आत्मा को मलिन करने वाली अशुभ क्रिया; इसके ५ भेद है- हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानी छानना- Pani Chanana. Filtration of water with cloth. जलगालन . जैन विधि के अनुसार, जब कपड़े का मोटा छत्रा दोहरा करके उससे पानी छाना जाता है, तब वह जीवरहित शुद्ध जल होता है तथा छत्रे की जीवनी करने की भी विशेष विधि होती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानभोजन- Panabhojana. To take pure meals in daylight. आहिंसाणु व्रत की एक भावना; सूर्यप्रकाश में देख शोधकर भोजन पान करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानदशमी व्रत- Panadasami Vrata. Taking food after offering food to other 10 persons. एक व्रत ; दस श्रावकों को भोजन करा कर फिर स्वयं भोजन करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानकाहर- Panakahara. See- Panaka. देखें-पानक, यह आहार सल्लेखना के समय दिया जाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानक- Panaka. Liquid edible materials. आहार का एक भेद – स्वच्छ (गर्म जल), बदल (इमली का पानी), लेवड , अलेवड, ससिक्थ, असिक्थ ये ६ पानक कहलाते हैं”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पान- Pana Drinkable materials (liquids). पीना, आहार के ४ भेदों में एक भेद; जल, दूध आदि पेय पदार्थ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाघस्थितिकल्प – Padyasthitikalpa. To stay at one place only for 4 months in rainy season (reg. saint). वर्षा काल में चार मास तक एक ही स्थान पर रहना अर्थात् भ्रमण का त्याग करना, यह ‘पाघ’ नाम का १०वां स्थितिकल्प है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पादानुसारी ऋद्वि : A type of supermatural power causing knowledge of whole scriptures by studying only fraction of it.समस्त श्रुत के अक्षर पदो को जानने वाली बुद्वि रुप ऋद्वि है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाद मुण्ड :Controlling of feet-activities by Jain Sainth (in samayik etc).जैन मुनियो के दस प्रकार के मुण्डन मे से एक, सामायिक इत्यादि के समय स्वच्छदापूर्वक पगो का संकोच व विस्तार न करना, पगो की क्रियाओ को वश मे रखना।