धर्मसागर!
धर्मसागर A disciple of Acharya Veersagar. आचार्य श्री वीरसागर महाराज के शिष्य, चारित्रचक्रवर्ती श्री शांतिसागर जी महाराज की पट्ट परम्परा के तृतीय पट्टाधीश आचार्य (ई. सन् 1969-1987 तक)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मसागर A disciple of Acharya Veersagar. आचार्य श्री वीरसागर महाराज के शिष्य, चारित्रचक्रवर्ती श्री शांतिसागर जी महाराज की पट्ट परम्परा के तृतीय पट्टाधीश आचार्य (ई. सन् 1969-1987 तक)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मसंग्रह A book written by a poet Medhavi. 10 अधिकारों में बंद्ध कवि मेधावी (वि. 1541) की एक रचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्म श्री Name of the chief Aryika (Ganini) in the assembly of Lord Sambhavnath. संभवनाथ भगवान के समवशरण में गणिनी आर्यिका (मुख्य आर्यिका) का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मश्रवण The act of listening to sacred books etc. धर्म शास्त्र आदि को सुनना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मशर्माभ्युदय Name of two books (1) written by poet Asag (2) written by poet Harichand. कवि असग (ई. 988) कृत धर्मनाथ तीर्थंकर चरित, कवि हरिचन्द (ई. 10 का मध्य) कृत एक संस्कृत काव्य। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मवीर्य Name of the main listener in the assembly (Samavasharan) of Lord Padmaprabhu. पद्मप्रभु भगवान के मुख्य श्रोता का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मविलास Name of a religious book written by Pandit Dyanatrai. पं0 द्यानतराय (ई. 1733) द्वारा रचित एक पदसंग्रह। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मलक्षण Basic characteristics of religion, Nature of a substance. सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, स्म्यग्चारित्र- ये धर्म के लक्षण हैं। वस्तु का स्वभाव भी धर्मलक्षणकहा जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मरूचि Devotion towards religion, Past-birth name of a Chakravarti ‘Sanatkumar’. धर्म के प्रति रूचि होना, चक्रवर्ती ‘सनत्कुमार’ के पूर्व भव का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मरसिक Name of a book written on lustral anointment of Lord idols. पंचामृत अभिषेक आदि पर रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]