चोरी-!
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुबली – Bahubali. thumb”Gommateshwara statue, installed by chamundrai in the year 981 in Shravanbelgol (Karnatak).]] भगवान ऋषभदेव की रानी सुनंदा के पुत्र, सुन्दरी के भाई जो सुंदरता में इस युग के प्रथम ‘कामदेव, थे “कठिन तपश्चरण कर कैलाशपर्वत से मोक्ष गये ” इनकी ऊंचाई सवा पाँच सौ धनुष (२१०० हाथ) की थी…
==चोरी== बिना दिये किसी की गिरी, पड़ी, रखी या भूली हुई वस्तु को ग्रहण करना अथवा उठाकर किसी को दे देना चोरी है। इस पाप के करने वाले चोर कहलाते हैं। अथवा Theft, Robbery, Stealth, Concealment. चोरी-रखे हुए , गिरे हुए , भूले हुए अथवा धरोहर रखे हुए परद्रव्य को हरना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]] धर्मात्मा सुरेन्द्रदत्त सेठ…
==हिंसा== प्रमाद से अपने या दूसरों के प्राणों का घात करने को हिंसा कहते हैं। इस पाप के करने वाले हिंसक, निर्दयी, हत्यारे कहलाते हैं। यशोधर महाराज ने शांति के लिए अपनी माता की प्रेरणा से आटे का मुर्गा बनाकर चंडमारी देवी के सामने बलि चढ़ा दी। इस संकल्पी हिंसा के पाप से वे पुत्र…
तीर्थंकर- जो धर्मतीर्थ का प्रवर्तन करते हैं वे तीर्थंकर कहलाते हैं । या 24 Lords of Jaina; propagator of eternal religion. संसार सागर को स्वयं पार करने तथा दूसरों को पार कराने वाले महापुरूष धर्मतीर्थ के प्रवर्तक , पंचकल्याणकों से पूजित , प्रत्येक कल्प (चतुर्थ काल) में वे 24 होते है। जैसे – वर्तमान काल…
आह्लाद Cheer, Joy, Exultation, Merriment.सुख, खुशी, हर्ष, प्रसन्नता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहृतादान Receiving of stolen property by means of purchase. अचैर्याणुव्रत का एक अतिचार, चोर से चोरी का माल खरीदना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहुति मंत्र Chanting of Mantras (auspicious mystic words) while oblating. आहुति देते वक्त बोले जाने वाले मंत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहार संज्ञा Keen desire for food. अन्नादि आहार ग्रहण करने की इच्छा होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहारशुद्धि Conceiving of wrong knowledge according to wrong preaching. मन,वचन,काय,द्रव्य,क्षेत्र व काल से आहार का शुद्ध होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]