दशाध्यायी सूत्र!
दशाध्यायी सूत्र Another name of ‘Tattvarth Sutra’ written by Acharya Umasvami. आचार्य उमास्वामी कृत तत्वार्थसूत्र का अपरनाम जिसमें दश अध्याय हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दशाध्यायी सूत्र Another name of ‘Tattvarth Sutra’ written by Acharya Umasvami. आचार्य उमास्वामी कृत तत्वार्थसूत्र का अपरनाम जिसमें दश अध्याय हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दशा Condition, circumstances. स्थिति परिस्थिति – जीवन आदि की अवस्था बाल्य, यौवन आदि ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दशांग भोग 10 types of enjoyments related to food, sleeping etc. 10 प्रकार के भोग-भजन, भोजन, शयया, सेना,यान, आसन, निधि, रत्न, नगर और नाट्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दशांग धूप Ten types of incenses; fragrant gum or aroma. धूप में मिलने वाली 10 वस्तुएं – अगर , तगर चंदन, मलयगिरि चंदन, तज, पत्रज, छारछवीला (छैल छबीला), पांडरी, खस, नागर मोथा, गढ़ीवन।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दशस्थिति कल्प Characteristics of 10 basic restraints of saints. व्यवहार चारित्रधारी साधु के 10 स्थितिकल्प अचेलकत्व, उद्दिष्ट भोजन त्याग, वसतिका बनवाने का त्याग, राजपिंड का त्याग, कृतिकर्म, पत्र को ही व्रत देना, विनय, प्रतिक्रमण, मासैकवासता, चातुर्मास करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दश स्थान Ten specific places in body to concentrate the mind. शरीर में नेत्र युगल, दोनो कान, नासिका का अग्रभाग, ललाट, मुख, नाभि, मसतक, हृदय, तालु, भौहों का मध्य भाग ये दस स्थान हैं। इन स्थानों में से किसी एक पर चित्त एकाग्र करने से ध्यान की अवस्था प्राप्त होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दश वैकालिक A type of scriptural knowledge (shrutgyan). अंगबाह्य श्रुत का 7 वां प्रकीर्णकः इसमें मुनियों की गोचरी आदि वृतियों का वर्णन किया गया है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दश विकार Ten types of lustful sensual desires of human being. काम के वेग चिंता, स्त्री को देखने की इच्छा , दीर्घनिःश्वास, ज्वर, शरीर का दग्ध होना, भोजन न रूचना , मूर्छा की गोचरी आदि वृत्तियों का वर्णन किया गया है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]