दर्शन सागर (आचार्य)!
दर्शन सागर (आचार्य) Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Nirmalsagar Maharaj. आचार्य श्री निर्मलसागर महाराज के शिष्य (ई.श. 20-21)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन सागर (आचार्य) Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Nirmalsagar Maharaj. आचार्य श्री निर्मलसागर महाराज के शिष्य (ई.श. 20-21)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन श्रावक A householder follower of first model stage of right faith. दर्शन प्रतिमा धारी जो पंच उदुम्बर सहित सातों व्यसनों का परित्याग आदि करता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शनशुद्धि (शास्त्र) A book written by Acharya ‘Chandraprabh Suri’. आचार्य चन्दप्रभ सूरि (ई.1102) द्वारा रचित एक न्याय ग्रन्थ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन विशुद्धि व्रत A Jaina vow (fasting) with particular procedure. औपशमिकादि तीनों सम्यत्तवों के आठ अंगों की अपेक्षा 24 अंग के एक उपवास एक पारणा के क्रम से 24 उपवास करना एंव णमोकार मंत्र का जाप करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शनविशुद्धि Purity of right faith. 16 कारण भावना में पहली भावना सम्यग्दर्शन को अत्यन्त निर्मल व दृढ़ हो जाना। इसके होने पर ही तीर्थंकर प्रकृति का बंध संभव है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन विनय Reverence to right faith. सम्यग्दर्शन के अंगों का पालन , भक्ति पूजा आदि गुणों को धारण तथा शंका आदि दोषों के त्याग को सम्यक्त्व विनय या दर्शन विनय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शनवाद Name of a philosophy (related to wrong perception). एक एकान्त मत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शनमोहनीय कर्म Right faith deluding Karmas. जिस कर्म के उदय से देवशास्त्र गुरू एवं तत्वों के प्रति अश्रद्धान का भाव होता हो , यह सम्यग्दर्शन का घात करती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन मोह क्षपक Destroyer of right faith deluding Karmas. दर्शन मोहनीय कर्म को नष्ट करने वाला क्षायिक स्म्यग्दृष्टि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन मोह Right faith deluding Karmas. मोहनीय कर्म का एक भेद जो सम्यग्दर्शन को प्रगट नही होने देता। इसके मिथ्यात्व, सम्यक् मिथ्यात्व, सम्यक्तव प्रकृति ये तीन भेद हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]