आदेश प्रारूपणा (बंध-उदय-सत्व)!
आदेश प्रारूपणा (बंध-उदय-सत्व) An exposition of bondage, fruition & existence of karmas after investigation. कर्मों के बंध उदय-सत्व का मार्गणा द्वारा विशेष व्याख्यान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आदेश प्रारूपणा (बंध-उदय-सत्व) An exposition of bondage, fruition & existence of karmas after investigation. कर्मों के बंध उदय-सत्व का मार्गणा द्वारा विशेष व्याख्यान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आदिपुरुष The first supreme soul of this age, Lord Adinath. अवसर्पिणी काल की कर्मभूमि के आदि नेता आदिनाथ भगवान प्रथम तीर्थंकर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आदित्य The Sun, A type of special heavenly deities (Laukantik Dev), One of the 9 heavenly aboding places of celestial deities of Anudisha type. सूर्य, लौकांतिक देवों का दूसरा भेद, 9 अनुदिश विमानों में एक इन्द्रक विमान।[[श्रेणी:शब्दकोष]][[श्रेणी:पुत्र]]
आदितीर्थ Primeval place of pilgrimages, Ayodhya & Sammedshikhar are also called as eternal (Shashvat). मूल अथवा प्राचीन तीर्थ-शाश्वत तीर्थ अयोध्या एंव शाश्वत तीर्थ सम्मेदशिखर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आदिकर्म Six fundamental duities of mundane life given by Lord Rishabhdev (Asi, Masi, Krishi, Vidya, Vanijya & Shilp). युग की आदि में कहे गये असि,मसि,कृषि, विद्या, वाणिज्य एंव शिल्परूप छः कर्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आदि Beginning, Primeval, Etcetera (etc.). ‘प्रथम‘ के अर्थ में प्रयुक्त होता है जैसे ऋषभादि भगवान, ‘प्रकार‘ के अर्थ में जैसे पूना आदि शहर, ‘ समीप्य‘ के अर्थ में जैसे नदी आदिक क्षेत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आदाननिक्षेपण Carefulness in performing activities (putting & taking articles) by Jaina saints. पाँच समितियों में एक समिति-शास्त्र,कमंडलु आदि उपकरणों को देख-भालकर पिच्छी से शोधन करके रखना-उठाना। यह जैन साधुओं का एक मूल गुण है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मसंबोधन A book written by ‘Gyanbhooshanaji’. ज्ञानभूषण जी (ई. सन् 1443-1505) द्वारा रचित अध्यात्म विषयक एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मश्रद्धान Self – respect with self devotion. शरीर और वचन के स्वरूप को आत्मा से भिन्न जानते हुए समय को वैराग्य और ज्ञान से व्यतीत करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]