शरण :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शरण : == ज्ञानं शरणं मम, दर्शनं च शरणं च चारित्र शरणं च। तप: संयमश्च शरणं, भगवान् शरणो महावीर:।। —समणसुत्त : ७५० ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप और संयम मेरे लिए शरण हैं। भगवान् महावीर मेरे लिए शरण हैं।