जैन—दर्शन :!
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == जैन—दर्शन : == ण वि अत्थि अण्णवादो, ण वि तव्वाओ जिणोवएसम्मि। —सन्मति तर्क् प्रकरण : ३-२६ जैन दर्शन में न एकान्त भेदवाद मान्य है और न एकान्त अभेदवाद। अत: जैन दर्शन भेदाभेदवादी दर्शन है।