18. सोलह कारण भावनाये (षट्खण्डागम ग्रंथ पुस्तक के आधार से)
सोलहकारण भावनाएँ (षट्खण्डागम ग्रंथ पुस्तक ८ के आधार से) प्रस्तुति-गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी सूत्र दंसणविसुज्झदाए विणयसंपण्णदाए सीलव्वदेसु णिरदिचारदाए आवासएसु अपरिहीणदाए खणलवपडि- बुज्झणदाए लद्धिसंवेगसंपण्णदाए यधाथामे तधातवे साहूणं पासुअपरिचागदाए साहूणं समाहिसंधारणाए साहूणं वेज्जावच्चजोगजुत्तदाए अरहंतभत्तीए बहुसुदभत्तीए पवयण- भत्तीए पवयणवच्छलदाए पवयणप्पभावणदाए अभिक्खणं अभिक्खणं णाणोवजोगजुत्तदाए इच्चेदेहि सोलसेहि कारणेहि जीवा तित्थयरणामगोदं कम्मं बंधंति।।४१।। सूत्रार्थ- # दर्शनविशुद्धता # विनयसम्पन्नता # शील…