कायोत्सर्ग :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार]] [[ श्रेणी:शब्दकोष]] == कायोत्सर्ग : == दैवसिकनियमादिषु, यथोक्तमानेन उक्तकाले। जिनगुणचिन्तनयुक्त:, कायोत्सर्गस्तनुविसर्ग:।। —समणसुत्त : ४३४ दैनिक प्रतिक्रमण के नियमानुसार यथोचित समयावधि (२७ श्वासोच्छ्वास) तक जिनप्रभु के गुणों का चिन्तन करते हुए शरीर की ममता को छोड़ देना कायोत्सर्ग है। देहमति: जाड्यशुद्धि: सुखदु:ख—तितिक्षता अनुप्रेक्षा। ध्यायति च शुभं ध्यानम् एकाग्र: कायोत्सर्गे।। —समणसुत्त : ४८१ कायोत्सर्ग करने…