भद्र भारती!
[[श्रेणी:सूक्तियां]] ==भद्र भारती== आचार्य श्री समन्तभद्र मुनि महाराज की सूक्तियाँ प्राचार्य विद्याधर उमाठे, बाहुबली (१) खाने की अपेक्षा पचाने से ही सामर्थ्य में वृद्धि होती है। रुग्ण व्यक्ति खाता है, किन्तु पचाने की शक्ति उसमें न होने से खाया हुआ पदार्थ बाधक होता है वही बात ज्ञान की भी है। ज्ञान अल्प क्यों न रहे…