मोक्षशास्त्र!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षशास्त्र–Mokshshastr. Name of a treatise written by Acharya Umasvami. आचार्य उमास्वामी (ई.स. 179–243) कृत एक ग्रंथ का नाम” यह जैनधर्म का सारभूत ग्रंथ है और इस पर अनेक आचार्यो द्वारा अनेक टीकाएं लिखी गई”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षशास्त्र–Mokshshastr. Name of a treatise written by Acharya Umasvami. आचार्य उमास्वामी (ई.स. 179–243) कृत एक ग्रंथ का नाम” यह जैनधर्म का सारभूत ग्रंथ है और इस पर अनेक आचार्यो द्वारा अनेक टीकाएं लिखी गई”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षमार्ग प्रकाशक–Mokshmarg Prkashak. Name of a book written by Pandit Todarmalji. प. टोडरमल जी द्वारा रचित एक ग्रंथ”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्ष पुरुषार्थ –Moksha Purusharth. Reverential austerities for getting salvation. मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाने वाला तप आदि जो कि साक्षात् कल्याणप्रद है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षपाहुड–Mokshapaahud. Name of a treatise written by Acharya Kund–Kund. आचार्य कुन्दकुन्द (ई. 127–179) कृत का एक ग्रंथ”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैनासुंदरी–Mainasundri. Name of a great pious lady in the Jain history. राजा पहुपाल की पुत्री, जिसे क्रोध के वश पिता ने श्रीपाल कुष्टी के साथ विवाह दी” गंधोदक द्वारा पति का कुष्ट दूर किया आयर अन्त में दीक्षा ली”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैथुन संज्ञा– Maithun Sangya. Sex instinct. 4 संज्ञाओ में एक संज्ञा; मैथुनरूप क्रियाओ में होने वाली इच्छा”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैथुनशाला–Maithunshala. Name of a place of some deities. ज्योतिष देवो के प्रसादो में एक प्रसाद, भवनवासी देवो के भवनों में एक गृह”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैथुन–Maithun. Copulation, Sexual intercourse. स्त्री और पुरुष के मन, वचन व कायस्वरूप विषय व्यापार को मैथुन कहते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैथिलीकल्याणम–Maithilikalyanam. Name of a book related to Ram & Sita. सीता–राम प्रेम नाटक विषयक एक ग्रंथ”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैत्रीभाव–Maitribhav. Friendly or amicable nature. मैत्री, प्रमोद, कारुण्य, मध्यस्थ इन 4 भावनाओ में प्रथम भावना, प्राणीमात्र के प्रति मैत्रीभाव रखना”