ल.को.!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ल.को. – लक्षकोटि की सहनहानि। एक लाख करोड। La ko-A symbolic expression for a large number (one lac crore)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ल.को. – लक्षकोटि की सहनहानि। एक लाख करोड। La ko-A symbolic expression for a large number (one lac crore)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिपिबद्ध – लिखा हुआ द्रव्यश्रुत जो 64 अक्षरो एवं पदो के द्वारा लिखा जाता है। Lipibaddha-Something put in writing form
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिंगज श्रुतज्ञान – अनक्षरात्मक श्रुतज्ञान, चिन्ह से उत्पन्न होने वाला श्रुतज्ञान। Limgaja Srutajnana-A kind of symbolic knowledge pertaining to Shrutgyan (scriptural knowledge), Unsyllabic knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध्यपर्याप्तक – अपर्याप्तक नाम कर्म के उदय से जो जीव अपने योग्य पर्याप्तियों को पूर्ण किए बिना ही ष्वास के 18 वें भाग में मरण को प्राप्त हो जाता है अर्थात जिसके एक भी पर्याप्ति पूर्ण नही होती उसे लब्ध्यप्र्याप्तक कहते है। Labdhyaparyaptaka-Absolutely, non development beings (Having very short life)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाब्धिसम्पन्न ऋषि – सम्यग्दर्षन प्राप्ति का एक निमित लब्धिसम्पन्न ऋशियो का दर्षन। Labdhisampanna Rsi-Super saints, visiting of whom is a cause of right faith
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजर्षी – ऋशि का एक भेद – विक्रिया और अक्षीण षक्ति के धारक साधु। Rajasrsi- A type of saints possessing super powers
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजमल सत्यवाक्य – ई 816 – 830 के एक राजा का नाम।इनके राज्यकाल में ही आचार्य विद्यानंदी नं 1 के द्वारा आप्त परीक्षा प्रमाणपरीक्षा युक्त्यानुषासन गंरथ लिखे गए। Rajamalla Satyavakaya-Name of a king
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रागांश – Ragamsa Partial Attachment राग का अंश मात्र \ यह भी कर्म बंध का कारण है ” यह दशवे गुढ़इस्थान तक होता है
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राक्षस वंश – पिद्याधरो का एक वंष, ये न देव होते हे न राक्षस। राक्षस नामक द्वीप के रक्षक होने से राक्षस कहलाये। Raksasa vansa-Name of a dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसाधिकाम्मोद – रसधिक जाति के मेघ। यं रस की वर्शा करते हैं।उत्सर्पिणी काल में अतिदुशमा काल के अन्त में ये बरसते है जिससे घरती उपजाउ होती है। Rasadhikammoda-A kind of clouds causing juicy raining