01. भगवान ऋषभदेव परिचय
तीर्थंकर ऋषभदेव परिचय गर्भावतार अनन्तर छह महीने बाद भगवान् ऋषभदेव वहाँ स्वर्ग से अवतार लेंगे, ऐसा जानकर इंद्र की आज्ञा से प्रेरित कुबेर ने आकाश से रत्नों की वर्षा करना प्रारंभ कर दिया। वह इंद्रनीलमणि, हरिन्मणि, पद्मरागमणि आदि की वर्षा ऐसी शोभित हो रही थी कि मानो ऋषभदेव की सम्पत्ति उत्सुकता के कारण उनके आने…