चतुर्थ व्यसन वेश्यासेवन चरित्र हनन है ! चतुर्थ व्यसन वेश्या सेवन है, यह परभव से पूर्व इसी जन्म में नरक का द्वार दिखा देता है। स्त्री जाति का सबसे बड़ा अभिशाप वेश्यावृत्ति है, ऐसी कुल्टा स्त्रियों को ही विष की बेल कहा गया है। उन्हें गणिका, लज्जिका, विलासिनी, वेश्या आदि नामों से संबोधित किया…
सप्तव्यसन क्या हैं ? अति अन्याय रूप कार्य के बार-बार करने की प्रवृत्ति को व्यसन कहते हैं। ये व्यसन सात प्रकार के होते हैं— जुआ खेलना, मांस, मद, वेश्यागमन, शिकार। चोरी, पररमणी रमण, सातों व्यसन निवार।। अर्थात् १. जुआ खेलना, २. मांस खाना, ३. शराब पीना, ४. वेश्यासेवन करना, ५. शिकार खेलना, ६. चोरी…
सप्तव्यसन क्या है ? अति अन्याय रूप कार्य के बार-बार करने की प्रवृत्ति को व्यसन कहते हैं। ये व्यसन सात प्रकार के होते हैं— जुआ खेलना, मांस, मद, वेश्यागमन, शिकार। चोरी, पररमणी रमण, सातों व्यसन निवार।। अर्थात् १. जुआ खेलना , २. मांस खाना, ३. शराब पीना, ४. वेश्यासेवन करना, ५. शिकार खेलना, ६. चोरी…
द्वितीय व्यसन (मांसाहार) सात व्यसनों में दूसरे नम्बर का व्यसन है—मांसाहार। यह जहां नैतिकता एवं आध्यात्मिकता का पतन करता है वहीं मानव के अन्दर निर्दयता को पनपाकर उसे पशु से भी निम्न श्रेणी में पहुंचा देता है। मांसाहार से मस्तिष्क की सहनशीलता नष्ट होकर वासना व उत्तेजना वाली प्रवृत्ति बढ़ती है। जब किसी बालक को…
मांसाहार से हानि लेखिका – आर्यिका श्री चंदनामती माताजी कमल-अरे सुनो विमल! तुम इन दिनों कहां रहते हो ? कई दिन से तुमसे भेंट नहीं हुई, मेरा तो तुम्हारे बिना मन ही नहीं लगता। विमल-मेरा भी मन तुम्हारे बिना नहीं लगता, परन्तु क्या करूँ कमल! कई दिनों से मेरी तबियत खराब चल रही है,…
महामुनि सुकुमाल लेखिका – गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी उज्जयिनी नगरी के बाहरी पवित्र उघान में नग्न दिगम्बर मुद्रा के धारी अवधिज्ञानी महामुनि विराजमान है। सेठानी यशोभद्रा बहुत ही विनय से हाथ जोड़कर पूछती है – “हे भगवान् ! क्या मेरी आशा इस जन्म मे सफल होगी ?” मुनिराज यशोभद्रा का अभिप्राय समझ कर कहते हैं-…
परस्त्री सेवन से हानि रावण का नाम बुरा क्यों है ? लेखिका – आर्यिका श्री चंदनामती माताजी रमेश-क्यों भाई महेश! मुझे यह बात समझ में नहीं आती कि प्रतिवर्ष विजयादशमी को गाँव—गाँव में रावण का पुतला बनाकर क्यों जलाते हैं ? महेश-रमेश! यह तो बड़े आश्चर्य की बात है कि तुम आज तक इस बात…