जीव दया मृगसेन धीवर ने मुनिराज से नियम लिया कि जाल में जो मछली पहले आवेगी, उसे नहीं मारूँगा, उसे काले धागे से बांधकर छोड़ दूँगा। उसी दिन उसके जाल में जो मछली आई, उसे निशान करके नदी में छोड़ दिया। पुन: दिन भर में पाँच बार वही मछली जाल में आई उसने पाँचों ही…
झूठ जिस बात या जिस चीज को जैसा देखा या सुना हो, वैसा ना कहना झूठ है तथा जिन वचनों से धर्म धर्मात्मा या किसी भी प्राणी का घात हो जावे, ऐसे सत्य वचन भी झूठ कहलाते हैं। इस पाप से लोग झूठ दगाबाज कहलाते हैं। पर्वत, नारद और वसु तीनों एक ही गुरु के…
जीवंधर कुमार की कहानी जीवंधर कुमार ने मरते हुए कुत्ते को णमोकार मंत्र सुनाया।जिसके प्रभाव से कुत्ता मरकर देव गती में सुदर्शन यक्षेन्द्र हो गया। उसने वापस आकर जीवंधर कुमार को नमस्कार किया और स्तुति की। एसो पंच णमोयारो , सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेसिं , पढमं हवइ मंगलं। अर्थ- ये पंच नमस्कार मंत्र सब पापों…
गति के भेद जो एक पर्याय से दूसरी पर्याय में ले जावे वह गति है। गति के चार भेद हैं– नरकगति, तिर्यंचगति, मनुष्यगति और देवगति नरकगति– नामकर्म के उदय से नरक में जन्म लेना नरकगति है। नरक में हर समय मारकाट का दु:ख होता रहता है, सुख का लेश भी नहीं है। तिर्यंचगति– नामकर्म के…
रंग भरने की किताब २ निर्देश – इन चित्रों को अपने कम्प्यूटर में सेव करके कम्प्यूटर में ही ( paint Application में ) रंग भर सकते हैं अथवा प्रिण्ट आउट निकाल कर कलर भर सकते हैं । (1) (2) (3) (4) (5) (6) (7) (8) (9) (10) (11) (12) (13) (14) (15) (16) कृति-भरत जैन