मुक्तागिरी!
मुक्तागिरी
ऐतिहासिक : सोनीजी की नसियाँ 1- श्रद्धा के प्रतीक भगवान् ऋषभदेव मंदिर का निर्माण रायबहादुर सेठ मूलचन्द नेमीचन्द सोनी ने राजस्थान के हृदय अजमेर नगर में करवाया था। यह कार्य मूर्धन्य विद्वान् पं. सदासुखदासजी की देख—रेख में सम्पन्न हुआ था। 2- इस मंदिर का नाम श्री सिद्धकूट चैत्यालय है, करौली के लाल पत्थर से निर्मित…
पावन पर्व : अक्षय तृतीया सभी धर्म एवं सम्प्रदायों में वैशाख शुक्ल तीज का दिन अक्षय तृतीया पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह दिन अत्यन्त पवित्र माना जाता है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस दिन को अत्यन्त शुभ मुहूर्त के रूप में स्वीकारा गया है। बिना किसी ज्योतिषी की सलाह के भी इस…
श्री पिसनहारी मढ़िया तीर्थ पीसनहारी पीस— पीस कर बना गई एक मढ़िया।इस मढ़िया में नंदीश्वर की रचना इतनी बढ़िया।। जबलपुर में नागपुर—जबलपुर मार्ग पर ‘श्री पिसनहारी मढ़िया जी’ अतिशय क्षेत्र आज जैन जगत् की आस्था, श्रद्धा व आराधना की कर्म निर्जराकारी पुण्य भूमि के रूप में समूचे देश में श्रद्धास्पद है। गढ़ा के समीप निवास…
विश्व की अद्वितीय रचना : जम्बू द्वीप असंख्यात द्वीप—समुद्रों के बीचों बीच एक लाख योजन के विस्तार वाला जम्बूद्वीप है। इसके मध्य में सुमेरु पर्वत है तथा अनेक अकृत्रिम जिनालय, पर्वत, विदेह क्षेत्र, नदियाँ, तालाब, नगरादि भी इस द्वीप में हैं। जिनका वर्णन विस्तार से जैनागमों / शास्त्रों में मिलता है। आगमानुसार उनकी संक्षिप्त प्रतिकृति…
स्तोत्र : भक्तामर इस स्तोत्र का प्रारम्भ ‘भक्त—अमर’ शब्द से होता है, इसलिए इसका नाम भक्त ± अमर • भक्तामर स्तोत्र सर्वप्रसिद्ध है। इसमें कुल ४८ काव्य वसंततिलका छन्द में रचे गऐ हैं। आचार्य मानतुंग के समय के सम्बन्ध में दो विचारधाराएँ प्रचलित हैं–भोजकालीन और हर्षकालीन, किन्तु ऐतिहासिक विद्वान मानतुंग की स्थिति हर्षवर्धन के समय…
क्षमा दिवस : क्षमावाणी पर्व जैन परम्परा में दशलक्षण पर्व की समाप्ति के ठीक एक दिन बाद एक विशेष पर्व मनाया जाता है, जिसे क्षमावणी पर्व कहते हैं। विश्व के इतिहास में यह पहला पर्व है, जिसमें शुभकामना, बधाई, उपहार न देकर सभी जीवों से अपने द्वारा जाने—अनजाने में किए गए समस्त अपराधों के लिए…
धैर्य तथा उत्तुंग व्यक्तित्व के उद्योगपति सेठ बालचंद हीराचंद दोशी (जैन)(1882-1953) The patriotic industrialist whose life was a triumph of persistence over adversity. Sardar Vallabhbhai Patel सेठ बालचंद हीराचंद दोशी (जैन) ‘बालचंद नगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ के मुख्य संस्थापक थे। वह एक देशभक्त और दूरदृष्टि रखने वाले उद्योगपति थे। भारत में उद्योग जगत् और नए प्रकल्पों…
अमर शहीद : मोतीचंद जैन १- सोलापुर जिला के करकंब गाँव में सेठ पद्मसी के यहाँ ई. सन् १८९० में मोतीचंदजी का जन्म हुआ था। पिताजी का देहान्त होने पर वे अपने मामा, मौसी के यहाँ सोलापुर आए। वहीं आपका प्रारम्भिक अध्ययन हुआ। २- दुधनी गाँव से शिक्षा के लिए सोलापुर में आए बालचंद, देवचंदजी…
संसद भवन में जैन भित्ति-चित्र भारत में अनादिकाल से सार्वजनिक स्थानों, मन्दिरों, महलों आदि को चित्रों और भित्ति—चित्रों से सज्जित करने की प्रथा चली आ रही है। ये कलाकृतियाँ युगविशेष के लोगों के जीवन, उनकी संस्कृति और परम्पराओं की प्रतीक हैं। हमारे लिए अब ये भारत की प्राचीन महान् सभ्यताओं और साम्राज्यों का स्मरण कराने…