04. ॐ मंत्र में पंचपरमेष्ठी समाविष्ट हैं
ॐ मंत्र में पंचपरमेष्ठी समाविष्ट हैं ‘ॐ’ प्रणवमंत्र में अरहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और सर्वसाधु ये पांचों परमेष्ठी समाविष्ट हैं। ऐसे ‘ॐ’ के जाप्य से, ध्यान से व पूजा से सर्व मनोरथ सफल हो जाते हैं। ओम् का अर्थ है— अरिहंता असरीरा, आइरिया तह उवज्झाया मुणिणो। पढमक्खरणिप्पण्णो, ओंकारो पंच परमेट्ठी। अर्थ—अरिहंत का प्रथम अक्षर ‘अ,…