कुछ चुटकियाँ बदलते जमाने के बदलते संदर्भों में /> left “50px”]] /> right “50px”]] १. जींस अब दुकानों से नई—नई आती हैं तो वैसी ही हालत में होती है जैसे की पहले चीथ्रे के रूप में दिखा करती है। २. पहले लिखा होता था ‘कुत्ते से सावधान’ अब लिखा होता है ‘ सुरक्षार्थ प्रशिक्षित कुत्ता…
कुछ महत्वपूर्ण सुझाव अभिभावकों के लिए /> left “50px”]] /> right “50px”]] बच्चों से हर क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन की बढ़ती अपेक्षा बच्चों में तनाव का कारण बनती है। बच्चों की अपनी सीमाएँ रहती हैं। अभिभावक यदि अपने व्यवहार में थोड़ा परिवर्तन लाएं तो बच्चों को सही मार्ग दे सकते है, आइये प्रस्तुत है कुछ…
अकाल में अध्ययन का कुफल पुत्र- पिताजी!आज मैंने मुनिराज के मुख से उपदेश में सुना है कि जो अकाल में अध्ययन करते हैं,वे ज्ञानावरण के क्षयोपशम के बजाए उसका बन्ध कर लेते हैं | तो क्या ऐसा भी हो सकता है कि धार्मिक ग्रन्थों का पठन-पाठन और स्वाध्याय ज्ञान को घटाने में कारण बन जाय…
समवसरण का विवेचन कमल –गुरूजी! भगवान महावीर को केवलज्ञान कब और कहाँ उत्पन्न हुआ था? गुरूजी –भगवान महावीर दीक्षा के अनन्तर मौनपूर्वक छद्मस्थ अवस्था के बारह वर्ष बिताकर जृंभिका ग्राम के बाहर मनोहर वन के मध्य में ऋजुवूâला नदी के किनारे महारत्न शिला पर शालवृक्ष के नीचे बेला का नियम लेकर ध्यान में लीन हो…
माया की माया एक बार एक युवक रेल की यात्रा कर रहा था। स्टेशन पर रेल रूकी। वह युवक अखबार खरीदना चाहता था। इसलिए वह बार—बार खिड़की के बाहर झांक रहा था, पर उसने अखबार नहीं खरीदा। अन्य यात्रियों ने कहा— ‘तुम अखबार लेना चाहते थे, फिर क्यों नहीं लिया ?’ युवक ने कहा— ‘नहीं,…
राम और सुग्रीव अशोक-पिताजी! आज सड़क पर एक मरणासन्न गाय पड़ी हुई साँस ले रही थी और कुछ महिलायें उसे णमोकार मन्त्र सुना रही थीं।ऐसा सुनाने से क्या होता है? पिताजी-बेटा अशोक!मरणासन्न अथवा दुःखी किसी भी प्राणी को णमोकार मन्त्र सुनाने से बहुत ही पुण्य होना है और वह जीव मरकर स्वर्गादि के अभ्युदय को…