लौंग से होता है कई रोगों का उपचार लौंग की भारतीय खाने में खास जगह प्राप्त है। इसके उपयोग से खाने में स्वाद के साथ—साथ कुछ अहम गुण भी जुड़ जाते हैं। इसका उपयोग एंटीसेप्टिक रूप में किया जाता है। लौंग में आपके स्वास्थ्य को दुरूस्त रखने के कई गुण होते हैं। लौंग में होने…
सनत्कुमार चक्रवर्ती कुरुजांगल देश के हस्तिनापुर नगर१ में कुरुवंश की परम्परा में चतुर्थ चक्रवर्ती सनत्कुमार हुए जो रूपपाश से खिंचकर आये हुए देवों द्वारा संबोधित हो दीक्षित हो गये थे। आराधना कथाकोश में इनका जीवनवृत्त इस प्रकार है- ये सनत्कुमार चक्रवर्ती सम्यग्दृष्टियों में प्रधान थे। उन्होंने छह खण्ड पृथ्वी अपने वश में कर ली थी।…
तीर्थंकर अरहनाथ इस जम्बूद्वीप में सीता नदी के उत्तर तट पर एक कच्छ नाम का देश है। उसके क्षेमपुर नगर में धनपति राजा राज्य करता था। किसी दिन उसने अर्हन्नन्दन तीर्थंकर की दिव्यध्वनि से धर्मामृत का पान किया, जिससे विरक्त होकर शीघ्र ही जैनेश्वरी दीक्षा धारण कर ली। ग्यारहअंगरूपी महासागर का पारगामी होकर सोलह कारण…
सौंठ (अदरक) परिचय अदरक भारतवर्ष के सब स्थानों में बोया जाता है। भूमि के अन्दर उगने वाला कन्द आद्र्र अवस्था में अदरक, व सूखी अवस्था में सौंठ कहलाता है। बाहृय स्वरूप:— यह उर्वरा तथा रेत मिश्रित भूमि में पैदा होने वाली गुल्म की वनस्पति का कन्द है, हर कोई इसे जानता है।…
सर्दियों में गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत सर्दियों में खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं। इसके लिए सबसे बेहतर है कि आप गुड़ खाएं। गुड़ पाचन के लिए तो अच्छा है ही , साथ ही पीरियड्स के दर्द में भी काफी फायदेमंद है। आज हम आपको गुड़…
थिंक फाऊन्डेशन—एक अद्भूत संस्था left”50px”]] right “50px”]] थैलेसीमिया मेजर एक ऐसी रक्त से सम्बन्धित बीमारी है, जिसमें मरीज को आजीवन रक्त की आवश्यकता रहती है। उम्र के अनुसार बच्चों को निश्चित अन्तराल पर रक्त अवश्यम्भावी रूप से देना पड़ता है। यदि निश्चित अन्तराल पर रक्त न दिया जाये तो बच्चे के जीवन को खतरा बना…
स्वास्थ्य रक्षक व पुष्टिकारक फल: टमाटर टमाटर केवल एक पौष्टिक शुद्ध आहार ही नहीं बल्कि एक गुणकारी औषधि भी हैं। टमाटर में आहारोपयोगी पोषक तत्व काफी मात्रा में पाये जाने के कारण यह हरी साग—सब्जियों में एवं फल के रूप में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साग के अलावा टमाटर का उपयोग कचूमर, अचार, सूप, सैण्डविच…
स्वदेशी चिकित्सा: वायु गैस (Flatulence) पेट में वायु गैस बनने की अवस्था में भोजन के बाद १२५ ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु गैस मिटती है। सप्ताह— दो सप्ताह आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के बाद लें। विशेष (१) इससे वायु गोला, अफारा के अतिरिक्त…