संशय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संशय – Sanshaya. Doubt, Suspicion, Confusion. वस्तु के विषय में विरुद्ध अनेक धर्मों में से किसी एक का निश्चय नहीं कर पाना और संदेह में पड़ जाना ” जैसे- यह सीप है या चाँदी है ऐसा संदेह होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संशय – Sanshaya. Doubt, Suspicion, Confusion. वस्तु के विषय में विरुद्ध अनेक धर्मों में से किसी एक का निश्चय नहीं कर पाना और संदेह में पड़ जाना ” जैसे- यह सीप है या चाँदी है ऐसा संदेह होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संव्यवहरण दोष – Sanvyavaharana Dosha. A fault related to saint food, careless activities in offering food to saint. श्रावक के निमित्त से होने वाला जैन साधुओं के आहार का एक दोष ” साधु को आहार देने के लिए बर्तन आदि को शीघ्रता से बिना देखे उठाना संव्यवहरण दोष है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवेदनी कथा – Sanvedanee Kathaa. Tale creating religious sentiments. पुण्य के फल का कथन करने वाली अर्थात् धर्मानुराग बढ़ाने वाली कथा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवेग – Sanvega. Mental agitation, Instinct, To have fear with the sufferings of wordly life. मन में उठने वाली भावना, अन्तःप्रेरणा, सम्यग्दर्शन के चार गुणों में से एक-संसार के दुःखों से नित्य डरते रहना अथवा पंचपरिवर्तन रूप संसार से भय उत्पन्न होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृति सत्य – Sanvrti Satya. A type of true speech, denoting one prominent among many objects. सत्य वचन के 10 भेदों में एक भेद ” समुदाय को एक देश की मुख्यता से एक रूप कहना ” जैसे-जहां अनेक वाद्यों का शब्द एक समूह में हो रहा है वहां भेरी आदि की मुख्यता से भेरी…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त-विवृत्त – Sanvrtta-Vivrtta. A type of female genital organ with having some hidden & some opened portion. योनि के 9 भेदों में एक भेद; जो योनि स्थान कुछ ढका हुआ और कुछ खुला हुआ हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त – Sanvrtta. Covered, Concealed, Hidden, A type of female genital organ. जो ढका हुआ हो उसे संवृत्त कहते हैं ” या ऐसा स्थान जो देखने में न आये, योनि का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवित्ति – Sanvitti. Consciousness, Intuition. ज्ञान, चेतना, अनुभव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संविद् – Sanvid. Knowledge obtained by right method, the perceptive knowledge. जिससे यथार्थ रीति से वस्तु का ज्ञान हो उस ज्ञान को संविद् कहते हैं “