यत्न!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यत्न–Yatn. Effort, Attempt. प्रयत्न, पुरुषार्थ”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यति सम्मेलन– Yati Sammelan. Conference of saints. दिगम्बर जैन सभी साधुओ (चतुर्विधसंघो) का एक जगह एकत्रित होना, मिलना” प्रति पाँच वर्ष में युगप्रतिक्रमण के नाम से संघों के मिलने का आगम प्रमाण मिलता है” श्रीधरसेनाचार्य ए समय वेणाक नदी के तट पर ऐसा यतिसम्मेलन हुआ था जहा से दो मुनि शिष्यों को उन्होंने…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिवृषभ–Yativrashabh. Name of a great Digambar Acharya who wrote many books like ‘Tiloy Pannati’ etc. कषाय प्राभ्रत के चूर्णसूत्र, तिलोय पण्णत्ति आदि के रचयिता एक आचार्य, ये आर्यमंक्षु व नागहस्ति के शिष्य (ई. 143–173) थे”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिवर वृषभ–Yativar Vrashabh. Those having supreme attributes of Lord Arihant. जो गणधर देव आदि में भी श्रेष्ठ होते है अर्थात् अर्हंत”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिपूजा–Yatipuja. Eulogical devotion for saints. शुभ परिणामों से गुरु की पूजन करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमोही भावना – Sammohee Bhaavana. Hypocratic mentality (deceitful Intention). 5 कुत्सित भावनाओं में एक भावना इसका नाम कुटुम्ब मोहनी भी है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिधर्म–Yatidharm. Observances of ascetic life. मुनिधर्म; आरम्भ परिग्रह का त्यागकर 5 महाव्रत 5 समिति 3 गुप्तियों का पालन करना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यति–Yati. Saints at the stage of higher austerity. जो इन्द्रिय जय के द्वारा अपने शुद्धात्म स्वरुप में प्रयत्नशील होता है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञोपवीत–Yagyopavit. Sacred thread (used for sanctifying or purificatory rites). एक संस्कार; चक्रवर्ती भरत ने 11 प्रतिमाओ के विभाग से वृतो के चिन्ह स्वरुप एक से लेकर 11 तार के सूत्र व्रतियो को दिये थे, जनेऊ; रत्नत्रय एवं सात परम स्थानो का सूतक 3 व 7 तारो का सूत्र” सभी पूजन–दान आदि क्रियाओ में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमोह (देव) – Sammoha (Deva). A type of peripatetic deities. पिशाच जाति के व्यंतर देवों के 14 भेदों में एक भेद “