संतलाल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतलाल – Santalaala. Name of a Jain poet, the writer of ‘Siddhachakra Vidhaan’. सिद्धचक्र विधान के कर्ता एक जैन कवि ” समय-ई.श. 17-18 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतलाल – Santalaala. Name of a Jain poet, the writer of ‘Siddhachakra Vidhaan’. सिद्धचक्र विधान के कर्ता एक जैन कवि ” समय-ई.श. 17-18 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतति – Santati. Continued succession, offspring, descendants, lineage. परम्परा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संततता – Santatataa. Continuance, Iteration, Tradition. निरंतर, संतत, परम्परा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्वलन चतुष्क – Sanjvalana Chatushka. The quartet of slights passion i.e. anger, proud, illusion, greed. संज्वलन क्रोध मान माया लोभरूप चतुष्क जिसके सद् भाव में भी संयम ज्वलित अर्थात चमकता रहता है अथवा समीचीन निर्मल यथाख्यात चरित्र का जो ज्वलन-दहन करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्वलन – Sanjvalana. A passion, which disturbs perfect conduct. एक कषाय; जो यथाख्यात चारित्र का घात करती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्ञी – Sangyee. Beings with consciousness. पंचेन्द्रिय सैनी अर्थात् मन सहित पंचेन्द्रिय जीव; जो शिक्षा उपदेश आदि ग्रहण करते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्ञ – Sangya. Mind, mental power. मन ” जो भली प्रकार जानता हैं उसको संज्ञ अर्थात मन कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संजात – Sanjaata. Name of a the 5th Tirthankar (Jain Lord) of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्रस्थ ५ वें तीर्थंकर इनका चिन्ह सूर्य एवं जन्म नगरी अलकापुरी हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संजय – Sanjaya. Name of a super saintwho called Lord varddhaman by a new name ‘Sanmati’. एक चारण रिद्धिधारी मुनि; इनके साथ विहार करने वाले द्वितीय चारणऋद्धिधारीमुनि का नाम विजय था ” एक बार कुण्डलपुर के नंदावर्त महल में पालने में झूलते तीर्थंकर बालक वर्द्धमान के दर्शन मात्र से इन मुनियों का संदेह दूर…