संकुट!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकुट – Sankuta. Contracted, Limited. जीव अति सूक्ष्म देह मिलने से संकुचित होता है, इसलिए उसे संकुट कहा गया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकुट – Sankuta. Contracted, Limited. जीव अति सूक्ष्म देह मिलने से संकुचित होता है, इसलिए उसे संकुट कहा गया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकल्प – Sankalpa. Resolution, Determination, Will. प्रतिज्ञा, कामनाशक्ति, चेतन-अचेतन आदि पदार्थो में ‘ये मेरे हैं’ ऐसी कल्पना करना संकल्प है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकलन श्रेणी व्यवहार – Sankalana Shreni Vyavahaara. Integral series of numbers. गणित विषयक एक संकलन व्यवहार की श्रेणी = 4+8+12+16+20+24+28+32=144 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकलन व्यवहार – Sankalana Vyavahaara. A mathematical operation, Integration. श्रेणी व्यवहार गणित; दो चार राशियों तक सीमित न रखकर धारावाही रूप से जोड़ना अर्थात् समान वृद्धि को लिये अनेक अंको की लम्बी धारा या श्रेणी में यह गणित काम आता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकलन – Sankalana. Compilation, Integration. जमा करना, परस्पर राशियों को जोड़ना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकर दोष – Sankara Dosa. Hybridisation- a fault. किसी धान्य, फल, पुष्प अथवा जाति में दो भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तु या जाति के सम्मिश्रण से संकर दोष होता है ” जैसे दो प्रकार की गुलाब की कलम का मिश्रण कर लगाने से तीसरे रंग का पैदा हुआ गुलाब संकर कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकर – Sankara. Hybrid, Cross-breed, Something mixed. सम्मिश्रण, मिलावट “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकटहरण व्रत – Sankataharana Vrata. A particular & procedural vow (fasting) related to releasing one from misfortune. 3 वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद, माघ व चैत्र मास में शु. 13 से शु. 15 तक उपवास तथा ‘ओं ह्राँ ह्रीँ ह्रूँ ह्रौँ ह्रः असि आ उसा नमः सर्व शान्तिं कुरु कुरु स्वाहा’ मंत्र का त्रिकाल जाप…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स – Sa. The 32nd consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का बत्तीसवाँ व्यंजन अक्षर, इसका उच्चारण स्थान दन्त है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षोडश स्वप्न (चक्रवर्ती) – Sodasha Svapna (Cakravartee). Sixteen different symbolic dreams seen by Bharat Chakravarti (an emperor). भरत चक्रवर्ती के 16 स्वप्न- पर्वत पर 23 सिंह, सिंह के साथ हिरणों का समूह, हाथी के ऊपर बैठा बंदर, अन्य पक्षियों द्वारा त्रसित उल्लू, आनंद करते भूत, मध्यभाग में सूखा तालाब, मलिन रत्नराशि, कुत्ते का नैवेद्य…