श्रुतस्कंध पूजा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतस्कंध पूजा – Shrutaskandha Poojaa. Name of a worshipping hymn written by Gangadas. गंगादास (ई. 1690-1693) कृत पूजा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतस्कंध पूजा – Shrutaskandha Poojaa. Name of a worshipping hymn written by Gangadas. गंगादास (ई. 1690-1693) कृत पूजा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतस्कंध – Shrutaskandha. The Dwadshang Shrut (12 specified parts of scriptual knowledge). जिनभाषित और गणधर द्वारा रचित द्वादशांग श्रुत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतसागरी – Shrutasaagaree. Name of a commentary book on Tattvarthvritti written by Bhattarak Shrutsagar. श्रुतसागर भट्टारक कृत तत्वार्थवृत्ति की टीका का नाम
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतसागर – Shrutasaagara. Name of a saint in the group of Akampanacharya, Name of a Bhattarak of Nandi group, also name of the disciple of Acharya Shri Kunthusagar Maharaj. अकम्पनाचार्य के संघस्थ एक मुनि; इन्होने राजा श्रीधर्मा के मंत्रियो से शास्त्रार्थ कर उन्हें पराजित किया था ” नंदीसंघ बलात्कार गण में भट्टारक विद्यानंदि-2 के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतवीर – Shrutaveera. Name of a Bhattarak of Sen group. सेनसंघ या वृषभ संघ की पट्टावलि के एक भट्टारक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतवाद – Shrutavaada. Scriptural speech. अंग प्रविष्ट और अंगबाह्या श्रुत का कथन जिस वचन कलाप के द्वारा किया जाता है वह द्रव्यश्रुत श्रुतवाद कहलाता है, श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतमुनि – Shrutamuni. The disciple of saint Abhayachandra Suri. त्रिभंगीसार टीका एवं परमागमसार ग्रंथ के रचयिता, जो अभयचंद्र सूरि के शिष्य थे ” समय ई. श. 13-अंतिम पाद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतभावना – Shrutabhaavanaa. A kind of auspicious reflection. 5 उत्तम भावना में एक भावना; श्रुतभावना करना अर्थात् तद्विषयक ज्ञान में बारम्बार प्रवृत्ति करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतपंचमी क्रिया – Shrutapanchmee Kriyaa. A religious devotional procedure of eulogy. ज्येष्ठ शु. 5 को श्रुतपंचमी कहते हैं ” इस दिन सभी साधु बृहत् सिद्ध भक्ति और बृहत् श्रुत भक्ति पढ़कर श्रुतस्कंध की स्थापना करके श्री इंद्रनंदि आचार्य विरचित श्रुतावतार का उपदेश देने के अनन्तर बृहत् श्रुत भक्ति व बृहत् आचार्य भक्ति पढ़कर स्वाध्याय…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “