शोक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शोक – Shoka. Sorrow, Regret, Grief. विकलता,अफसोस, रंज “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यभिचार – Vyabhicara. Immoral character, adultery, Transgression, Violation. कुशील पाप से संबंधित चरित्रहीनता, अतिक्रमण, असंगति ,
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यतिरेक द्रष्टांत – Vyatireka Drstainta An illustration pertaining to absence of goal showing absence of means (i.e. absence of fire shows absence of smoke). द्रष्टांत के दो भेदों में एक भेद, जहां साध्य के अभाव में साधन का अभाव बताया जाता है ” जैसे-जहां धूम नहीं है वहां अग्रि नहीं है, जैसे…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यतिरेक – Vyatireka. Distinction, Reaching beyond, a type separateness. भेद, अंतर, वैषम्य या असमानता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यतिक्रम – Vyatikrama. Transgression, Crossing the barriers of vows with passional longings. उल्लंघन, अतिक्रमण ” शील व्रतों का उल्लंघन या विषयों की अभिलाषा करना व्यतिक्रम कहलाता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यग्रता विनिव्रती –Vyagrata Vinivrtti. To engross into deep meditation(to five up the agitated state of the mind). ध्यान; चित्त की व्याकुलता का त्याग करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्ति –Vyakti Person, one that can be described or expressed. मनुष्य, जो व्यक्त होता हैं उसे व्यक्ति कहते हैं (अपरनाम अभिव्यक्ति ) “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्तराग –Vyaktaraga. Expressible attachment. जो राग प्रगट रूप में रहता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्त्तनिर्वृत्त्यक्षर–Vyaktanirvrttyaksara. Power of pronouncing words possessed by five sensed beings. निर्वृत्त्यक्षरके दो भेदों में एक भेद; यह संज्ञी पंचेन्दिर्य पर्याप्तक तक के होता हैं “