वैर!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैर –Vaira Hostility, Enmity, Name of a heavenly abode.Name of the 69th chief disciple of Lord Rishabhadev. विरोध, शत्रुता, ९ अनुदिश विमानों में तीसरा पश्चिम का श्रेणीबध्द विमान, भगवन वृषभदेव के ६९वे गणधर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैर –Vaira Hostility, Enmity, Name of a heavenly abode.Name of the 69th chief disciple of Lord Rishabhadev. विरोध, शत्रुता, ९ अनुदिश विमानों में तीसरा पश्चिम का श्रेणीबध्द विमान, भगवन वृषभदेव के ६९वे गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैवदर्शन – Shaivadarshana. Another name of Shuddhadvait, a doctrine of monism. शुद्धाद्वैत का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैलेशी अवस्था – Shaileshee Avasthaa. Motionless state, state of absolute meditation.. पत्थर की मूर्ती के समान निश्छल ध्यानावस्था ” वन में इस प्रकार के ध्यानी मुनियों के शरीर से हिरण आदि पशु उन्हें पत्थर समझकर उनसे अपने शरीर को रगड़कर अपनी खाज मिटाते हैं ” अंतिम शुक्लध्यान की अवस्था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैला – Shailaa. Name of the 16th earth of the Khar division of Ratanaprabha earth. पहली रत्नप्रभा पृथ्वी के खारभाग में 16वीं पृथ्वी जो 1000योजन मोटी है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैलराज – Shailaraaj. Another name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का अपरनाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैलभद्र – Shailabhadra. A kind of peripatetic deity. यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैयावृत्य तप –Vaiyavrttya Tapa Pious service of 10 types of saints by another saints, a kind of internal austerity. तीसरा अंतरंग तप, १० प्रकार के साधुओं की यथायोग्य सेवा करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैयावृर्त्ति –Vaiyavrtti Pious service to the saints. साधूसुश्रूषा, सेवा, उपचार, गुरु के अनुकूल परवर्ती करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैमानिक देव –VAimanika Deva. Heavenly or celestial deities. सोलह स्वर्ग के निवासी देव ” जो विमानों से उत्पन्न होते है वे वैमानिक कहलाते हैं ” कल्पवासी और क्ल्पतित इनके २ भेद है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैभाविक शक्ति –VaibhavikiSakti Power causing passionate feelings contrary to the real nature. जीव-पुदगल की स्वभाव से रूपान्तर ग्रहण करने की शक्ति अथार्त राग आदि विकारी भाव ग्रहण करने वाली जीव पुदगल की शक्ति “