वेदनाभिभव!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदनाभिभव –Vedanabhibhava A reason of right perception ( by experiencing about the painful results of some wrong doings). सम्यग्दर्शन होने का एक कारण, यह वेदना अमुक मिथ्यात्व व असंयम का फल है इस प्रकार का चिंतन “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदनाभिभव –Vedanabhibhava A reason of right perception ( by experiencing about the painful results of some wrong doings). सम्यग्दर्शन होने का एक कारण, यह वेदना अमुक मिथ्यात्व व असंयम का फल है इस प्रकार का चिंतन “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदना भय –VedanaBhaya One of the seven fears (of bodily painful suffering). सप्त भयों में एक भय, शारीर में रोग होने का भय रहना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदना –Vedana Experiencing pain or trouble. दुख अथवा कष्ट की अनुभूति या अनुभव का नाम वेदना है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदत्रय –Vedatraya Triplet of gender (male, female & impotent) स्त्री, पुरुष, नपुंसक वेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदक सम्यग्दृष्टि –VedakaSamyagdrsti One with destructive subsidential right faith क्षयोपशम सम्यक्त्व वाला जीव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदक सम्यक्त्व –VedakaSamyaktva Destructive subsidential right belief क्षयोपशम सम्यग्दर्शन ” दर्शन मोहनीय कर्म की सम्यक्त्व प्रकृति के उदय से जो तत्वाथ श्रध्दान होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदक –Vedaka. Sufferer of Karmic results or one who experiences results of Karmas कर्मफल का भोक्ता या अनुभव करने वाला “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेद (शास्त्र) – Veda (Sastra) Four expositions of Jaina scriptures & the four great mythological sacred scriptures of Hindus. जैनधर्म के चार अनुयोगों (प्रेथामानुयोग, करणानुयोग, चरणानुयोग, द्रव्यनुयोग) को वेद संज्ञा दी गई है ” हिन्दुऊ में भी चार वेदों ॠग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद की मान्यता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेद कषाय –Veda Kasaya Passion of lust. नोकषाय, चरित्र मोहनीय के उदय से आत्मा मे कामसेवन या स्त्रीत्व, पुरुषत्व, नपुंसकत्व के भाव”