शून्य वर्गंणा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्य वर्गंणा – Shunya Varganaa. A type of Karmic aggregates. वर्गणाओं का एक प्रकार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्य वर्गंणा – Shunya Varganaa. A type of Karmic aggregates. वर्गणाओं का एक प्रकार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्यघर – Shunyaghara. Peaceful and solitude-place like caves etc. (for saints’ staying). वसतिका; साधू के ठहरने के लिए एकांत गुफा, वेइक्ष की कोटर आदि शून्य स्थान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्य – Shunya. Blank, Empty, Void, Zero, Cipher. रिक्त, खाली, सर्व द्रव्यों का अभाव शून्य दोष कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूद्रवर्ण – Shudravarna. See- Shudra Varna. देखें शूद्रवंश ” शिल्प आदि से सम्बन्ध रखने वाला वर्ण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूद्र वंश – Shudra Vansha. The lineage of Shudras(see-Shudra). भगवान ऋषभदेव द्वारा स्थापित क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र इन तीन वर्णों में एक वर्ण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूद्र (कारू) – Shudra (Kaaroo). See- Shudra. धोबी आदि शूद्र (कारू) कहलाते हैं ” स्पृश्य तथा अस्पृश्य इसके दो भेद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूद्र – Shudra. A member of the fourth and lowest division of early indo-aryan society, whose work is to serve other for livelihood. शिल्प, सेवा, शुश्रूषा से आजीविका करने वाले ” इनके कारू-अकारु दो भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूकर – Shukara. A boar, the significant symbol of Lord Vimalnath. एक पशु, तीर्थंकर विमलनाथ का चिन्ह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ्र – Shubhra. Name of a city of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र का एक नगर; इसे राजासूर्य ने बसाया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभोपयोगी – Shubhopayogee. One involved in auspicious conduct. जो देशचारित्र अथवा सकलचारित्र का पालन करते हुए धर्म क्रियाओं में लीं रहते हैं, वे शुभोपयोगी श्रावक या मुनि कहलाते हैं “